अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street ने SEBI के निर्देशों पर ₹4843 करोड़ की रकम एस्क्रो अकाउंट में जमा कर दी है। अब भारतीय शेयर बाजार में इसके पुनः प्रवेश की उम्मीद है। जानें पूरा मामला।
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📌 क्या है मामला?
भारतीय बाजार नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर आरोप लगाए कि उसने बैंक निफ्टी और संबंधित ऑप्शन्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग और मुनाफा कमाने के लिए हेराफेरी की। इस कारण SEBI ने फर्म पर प्रतिबंध लगा दिया और ₹4843 करोड़ की अवैध कमाई फ्रीज़ कर दी।
💰 Jane Street का जवाब: एस्क्रो अकाउंट में भारी रकम जमा
- Jane Street ने 14 जुलाई 2025 को SEBI के निर्देश के अनुसार करीब ₹4843 करोड़ (लगभग $567 मिलियन) की रकम एस्क्रो अकाउंट में जमा कर दी।
- फर्म ने इसके साथ SEBI से ट्रेडिंग बैन हटाने की अनुमति मांगी है।
- SEBI ने इस जमा राशि की पुष्टि कर दी है और अब बाजार में फर्म के दोबारा प्रवेश पर विचार कर रही है।
🚫 ऑप्शन्स ट्रेडिंग अभी भी प्रतिबंधित
- हालांकि फर्म ने राशि जमा कर दी है, SEBI ने स्पष्ट किया है कि Jane Street को ऑप्शन्स ट्रेडिंग की अनुमति अभी नहीं दी जाएगी।
- पूरा मामला अभी भी SEBI के निगरानी और जांच के अधीन है।
🔍 क्या हो सकता है आगे?
विषय | स्थिति |
---|---|
ट्रेडिंग प्रतिबंध | अभी भी लागू, लेकिन जल्द हट सकता है |
ऑप्शन्स ट्रेडिंग | अस्थायी रूप से रोक |
आगे की जांच | Sensex, Finnifty जैसे अन्य इंडेक्स में भी जांच जारी |
🧾 क्या सीखा जा सकता है?
- यह मामला दर्शाता है कि भारतीय रेगुलेटर अब एल्गोरिथमिक और हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
- बड़ी विदेशी फर्मों को भी स्थानीय नियमों का पालन अनिवार्य करना होगा।
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