भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई महानायक हुए जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान देश की आज़ादी के लिए दिया। आज हम तीन ऐसे प्रेरक व्यक्तित्वों की कहानियां जानेंगे, जिन्होंने न केवल देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी देशभक्ति और साहस की मिसाल दी — महात्मा गांधी, भगत सिंह, और नेताजी सुभाष चंद्र बोस।
महात्मा गांधी: अहिंसा के पुजारी और राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी, जिन्हें हम प्यार से बापू भी कहते हैं, ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को स्वतंत्रता दिलाने का बीड़ा उठाया। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। गांधीजी ने अपने जीवन में कई अहिंसात्मक आंदोलनों का नेतृत्व किया, जैसे असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, और भारत छोड़ो आंदोलन।
उनका यह सिद्धांत था कि बिना हिंसा के भी बड़े बदलाव संभव हैं। उन्होंने लोगों को एकजुट किया और अंग्रेज़ सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रतिरोध का रास्ता दिखाया। गांधीजी की यह प्रेरक कहानी हमें सिखाती है कि दृढ़ निश्चय, धैर्य और संयम से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
भगत सिंह: युवा क्रांतिकारी की अद्भुत बहादुरी
भगत सिंह, जिनका जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब में हुआ था, भारत के सबसे बहादुर और निडर क्रांतिकारियों में से एक थे। वह युवा थे लेकिन उनकी देशभक्ति गहरी और अटूट थी। ब्रिटिश सरकार की अन्यायपूर्ण नीतियों और लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए उन्होंने साहसपूर्वक ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाई।
भगत सिंह ने फांसी के खतरे को भी कभी नहीं माना। जेल में भी उन्होंने देशभक्ति के गीत लिखे और अपने विचारों से लाखों युवाओं को प्रेरित किया। उनकी शहादत 23 मार्च 1931 को फांसी के रूप में मिली, लेकिन उनकी कहानी आज भी हर भारतीय के दिल में एक प्रबल जोश जगाती है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस: आज़ाद हिंद फौज के महानायक
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 23 जनवरी 1897 को ओड़िशा में जन्म लिया। वे भारत के एक प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” का नारा दिया। वे अंग्रेज़ों से सीधे संघर्ष के पक्षधर थे और उन्होंने आज़ाद हिंद फौज (आईएनए) का गठन किया।
नेताजी ने विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर भारत की आज़ादी के लिए एक सशक्त सैन्य अभियान शुरू किया। उनका नेतृत्व, साहस और समर्पण आज भी देशभक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी यह कहानी दिखाती है कि देशभक्ति के लिए दृढ़ संकल्प कितना महत्वपूर्ण होता है।
निष्कर्ष
महात्मा गांधी, भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस — ये तीनों व्यक्तित्व अपने-अपने तरीकों से भारत की आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाते रहे। जहां गांधीजी ने अहिंसा और सत्याग्रह का मार्ग दिखाया, वहीं भगत सिंह और नेताजी ने क्रांतिकारी और सशस्त्र संघर्ष का जोश जगाया। इनकी प्रेरक कहानियां आज भी हमें देशभक्ति, साहस और समर्पण का पाठ पढ़ाती हैं।
15 अगस्त 2025 को जब हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, तो आइए इन महान नायकों को याद करें और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं।
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