Hero Realty के CEO ने हाल ही में विस्तार से बताया कि भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र अब पारदर्शिता, नियामकीय सुधार और व्यापक निवेशक विश्वास की बदौलत एक सुरक्षित और आकर्षक वैश्विक निवेश विकल्प बन चुका है
जोखिम में कमी का कारण — मुख्य कारक:
- नियामकीय सुधार:
रियल एस्टेट (नियमन और विकास) अधिनियम (RERA), गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST), और Real Estate Investment Trusts (REITs) जैसी पहलें निवेश की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाती हैं - डिजिटल और संस्थागत सुधार:
जमीन के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और बेहतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस ने निवेश के जोखिम को काफी घटा दिया है - ग्लोबल और घरेलू निवेशकों का भरोसा:
इन सुधारों ने ग्लोबल निवेशकों—जैसे ब्लैकस्टोन और ब्रुकफील्ड—को भारतीय रियल एस्टेट में लोक-और-निर्यात निवेश बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है - शहरीकरण और मध्यम वर्ग की वृद्धि:
India’s तेज़ शहरीकरण और बढ़ती आय स्तरीय वृद्धि ने रियल एस्टेट में अंतःउपयोगकर्ता की मांग को मजबूत किया, जिससे यह क्षेत्र दीर्घकालिक रूप से मजबूत होता जा रहा है
क्षेत्रीय विस्तार और निवेश प्रवाह:
इन सुधारों और विकास के कारण, भारत अब एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में ग्लोबल रियल एस्टेट निवेशकों के लिए एक प्रमुख हब के रूप में उभरा है। पिछले पांच वर्षों में विदेशी पूंजी फ्लो $4 बिलियन वार्षिक स्तर पर स्थिर रहा है
निष्कर्ष
Hero Realty CEO का यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि भारतीय रियल एस्टेट ने पारदर्शिता, सुधारों और संस्थागत निवेश की बदौलत एक मजबूत और ‘कम जोखिम’ वाली वैश्विक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह न केवल भारत के निवेश आकर्षण को बढ़ाता है, बल्कि घरेलू और विदेशी निवेशकों दोनों के लिए भरोसेमंद विकल्प भी प्रदान करता है।
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