श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भारत के प्रमुख धार्मिक उत्सवों में से एक है, जिसे पूरे देश में भक्ति, उल्लास और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। इस दिन घर में श्रीकृष्ण की झांकी सजाना न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह घर के माहौल को भी दिव्यता और आनंद से भर देता है।
📅 जन्माष्टमी का महत्व और झांकी की परंपरा
श्रीकृष्ण की झांकी सजाने की परंपरा मथुरा और वृंदावन से शुरू हुई, जहां भगवान के जीवन की लीलाओं को कला और सजावट के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। यह परंपरा आज पूरे भारत में प्रचलित है और हर घर-आंगन में झांकी के माध्यम से माखन चोर, रासलीला और गोवर्धन लीला जैसे दृश्य जीवंत किए जाते हैं।
🎯 1. झांकी की थीम चुनें
सबसे पहले यह तय करें कि आप किस थीम पर झांकी सजाना चाहते हैं:
- मथुरा जन्म दृश्य – कारागार में श्रीकृष्ण का जन्म
- गोकुल लीला – माखन चुराने का दृश्य
- गोवर्धन पर्वत – वर्षा से ब्रजवासियों की रक्षा
- रासलीला – राधा-कृष्ण का प्रेमपूर्ण नृत्य
🪔 2. झांकी के लिए आवश्यक सामग्री
- श्रीकृष्ण और राधा की मूर्तियां (पीतांबर और मोर पंख सहित)
- रंग-बिरंगे कपड़े (पीले, नीले, लाल)
- झिलमिल LED लाइट्स और फूलों की माला
- कृत्रिम पहाड़, तालाब, बांसुरी, माखन के मटके
- गाय, गोपियां और वृंदावन के अन्य प्रतीकात्मक मॉडल
- छोटा-सा पालना या झूला
📝 3. सजावट की चरणबद्ध प्रक्रिया
- मंच तैयार करें – एक टेबल या लकड़ी का मंच चुनें और उस पर रंगीन कपड़ा बिछाएं।
- पृष्ठभूमि सजाएं – चार्ट पेपर, थर्माकॉल या कपड़े से बैकड्रॉप बनाएं।
- मूर्ति स्थापना – श्रीकृष्ण को पालने में स्थापित करें और उनके चारों ओर थीम के अनुसार सजावट करें।
- सजावटी सामग्री जोड़ें – मटके, फूल, बांसुरी और मोर पंख का प्रयोग करें।
- लाइटिंग का जादू – नीली और सुनहरी लाइट्स से भक्ति का माहौल तैयार करें।
🌺 4. विशेष टिप्स
- झांकी में माखन चोर या गोवर्धन लीला का छोटा-सा सीन जरूर बनाएं।
- पृष्ठभूमि में भजन या बांसुरी की मधुर धुन बजाएं।
- बच्चों को राधा-कृष्ण के वेश में तैयार कर झांकी के पास बैठाएं।
📖 निष्कर्ष

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की झांकी सजाना केवल सजावट नहीं, बल्कि भक्ति और संस्कृति से जुड़ने का एक अनोखा अवसर है। थोड़ी रचनात्मकता और प्रेम के साथ, आपकी झांकी पूरे पड़ोस के आकर्षण का केंद्र बन सकती है।
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