Shri Ram Ji के दिल को छू लेने वाले भजन,(सजा दो घर का गुलशन सा अवध में राम आए हैं): अयोध्या के राम मंजिरक में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर गाएं राम के इन भजनों को..
Shri Ram Ji के दिल को छू लेने वाले भजन, सजा दो घर का गुलशन सा अवध में राम आए हैं: 22 जनवरी का देश ही नहीं दुनियाभर के लोगों को बेसब्री से इंतजार था। आज भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा करने के साथ आम श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे। आज रामलला अयोध्या में विराजेंगे। इस खास नौके पर देशभर के राम मंदिर में पूजा अर्चना, अनुष्ठान, भजन, भंडारा आदि का आयोजन किया जा रहा है। आप भी चाहे, तो राम के भकित में इन भजनों के साथ लीन हो सकते हैं। आइए जानते हैं भगवान राम के कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाले भजनों के बारे में….

भजन – रघुपति राघव राजाराम (Raghupati Raghav Raja Ram)
रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥
सुंदर विग्रह मेघश्यामगंगा तुलसी शालग्राम ॥
रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥
भद्रगिरीश्वर सीतारामभगत-जनप्रिय सीताराम ॥
रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥
जानकीरमणा सीतारामजयजय राघव सीताराम ॥
रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥
रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥
श्री लक्ष्माचर्या [श्री नम: रामायणम् से]
राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी (Ram Aayenge to Angana Sajaungi Lyrics In Hindi)
मेरी झोपड़ी के भाग,आज जाग जाएंगे,राम आएँगे,राम आएँगे आएँगे,राम आएँगे,मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे,राम आएँगे ॥
राम आएँगे तो,आंगना सजाऊँगी,दिप जलाके,दिवाली मनाऊँगी,मेरे जन्मो के सारे,पाप मिट जाएंगे,राम आएँगे,मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे,राम आएँगे ॥
राम झूलेंगे तो,पालना झुलाऊँगी,मीठे मीठे मैं,भजन सुनाऊँगी,मेरी जिंदगी के,सारे दुःख मिट जाएँगे,राम आएँगे,मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे,राम आएँगे ॥
मेरा जनम सफल,हो जाएगा,तन झूमेगा और,मन गीत गाएगा,राम सुन्दर मेरी,किस्मत चमकाएंगे,राम आएँगे,मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे,राम आएँगे ॥
भजन- सजा दो घर का गुलशन सा अवध में राम आए हैं
सजा दो घर का गुलशन सा अवध में राम आए हैं, सजा दो घर को गुलशन सा,अवध में राम आए हैं,
अवध मे राम आए है,मेरे सरकार आए हैं, लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
अवध मे राम आए हैं, सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध मे राम आएं हैं ।
पखारों इनके चरणों को, बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलकों को, अवध मे राम आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आए हैं ।
तेरी आहट से है वाकिफ़, नहीं चेहरे की है दरकार,
बिना देखेँ ही कह देंगे, लो आ गए है मेरे सरकार,
लो आ गए है मेरे सरकार, दुआओं का हुआ है असर,
दुआओं का हुआ है असर, अवध मे राम आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आए हैं ।
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध में राम आए हैं,
अवध मे राम आए है, मेरे सरकार आए हैं,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, अवध मे राम आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आएं हैं ।
राम भजन – मेरे राम की सवारी (Mere Ram Ki Sawari)
हे उतर रही हे उतर रही मेरे राम की सवारी हो
स्वागत करता स्वयं मेरे
भोले भंडारी होहे उतर रही हे उतर रहीमेरे राम की सवारी हो
स्वागत करता स्वयं मेरेभोले भंडारी हो
सोने की नगरी रत्नों की धरती
चमक न्यारी होस्वागत करता स्वयं मेरेभोले भंडारी हो
एक ही नाम का एक ही काम का चहूं ओर घन घोरजय घोष श्री राम का बदल रहा युग बदल रहा हेरी
बदल रहा युग बदल रहा देवों ने आरती उतारी हो
स्वागत करता स्वयं मेरे भोले भंडारी हो स्वागत करता स्वयं मेरे भोले भंडारी हो
हमरे भी द्वारे तुम्हरे भी द्वारेआंगन आंगन घर घर राम जी पधारे
झूमे नभ जल थल तीनों लोकों में हल चलमच रही भारी होस्वागत करता स्वयं मेरे भोले भंडारी हो
हे उतर रही हे उतर रही मेरे राम की सवारी हो स्वागत करता स्वयं मेरे भोले भंडारी हो
सोने की नगरी रत्नों की धरती चमक न्यारी हो स्वागत करता स्वयं मेरे भोले भंडारी हो
स्वागत करता स्वयं मेरे भोले भंडारी हो स्वागत करता स्वयं मेरे भोले भंडारी हो भोले भंडारी हो
राम भजन – राम जी का मंदिर लगे नीको (Ram Ji Ka Mandir Lage Neeko)
दुनिया की चकाचौंध भूलूं मैं,राम सिया राम ही बोलूँ मैंहै ना ठिकाना कोई ख़ुशी का
ऐसा तेज छाया मंदिर छवि का।
राम जी का मंदिर…राम जी का मंदिर लगे नीको,
इसके आगे लगे सारो जग फीको।
यहाँ की गलियों में राम जी के चित्र है,
हर एक चित्र में पुरषोत्तम चरित्र है,
यहां हर किसी का चित्त हर जाता हैं,
फिर वो मस्ती में राम राम गाता हैं।
है मंगल शगुन, है मंगल भवनबस जाते हैं देवों के भी मनहै भव्य विशाल,
ये दिव्य दरबारसिंहासन विराजे श्रीराम सरकार
स्वर्ग के बैभव को भूल जाओगे,
एक बार जो मंदिर आओगेदेख दंग रह जाओगे
तुम सभी(यहाँ) दर्शन मेरे ( अनमोल) प्रभु राम जी का ।
बात कल्पों की है,
ना ही अल्पों की हैना दुनिया के झगड़े ना ही जल्पो की है।
ये बात हमारे संकल्पों की हैराम मंदिर के लिए हर्षित पलकों की है।
आये अयोध्या के द्वार हम ,
प्रभु राम का करने दीदार हम ,
सिर पे मेरे भक्ति सवार हैकरके आए नौका विहार हम,
बना एक महल, जो है सूर्य के समान ,
कोटि कोटि धन्य हुएजो रहे राम को निहार हम
यादें हमारे सीने में,देती थी हमको ये पीड ,
अपने ही महल के आगे,कैसी हालत में रहे रघुवीर,
भक्तों के रक्त का बलिदान,अब रंग है ऐसा दिखा रहा ,
राम के मंदिर के आगे, अब स्वर्ग भी शर्मा रहा ।
हम सबका गुमान, है राम भगवान,
जहाँ राम बसे, वो साकेत समान,
ये केवल मंदिर नहीं , न केवल देवस्थान,
ये तो है हमारी आन बान और शान,
है राम दरबार मनोहर ऐसो,योगीजन ध्यान कर खोजे जैसो,
मोहे काम लगे देव शिल्पी को ।।2।।
राम मंदिर लगे मोहे नीको हाँराम मंदिर लगे मोहे नीको,
इसके आगे लगे सारो जग फीको।
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