HCL Technologies ने Q1 FY26 में 9.7% की गिरावट के साथ ₹3,843 करोड़ का PAT रिपोर्ट किया, जबकि रेवेन्यू 8.2% बढ़कर ₹30,349 करोड़ पहुंच गया। जानें क्यों निवेशकों की नजर HCL पर बनी हुई है।
🗓️ मुख्य अंक:
- नेट प्रॉफिट: ₹3,843 करोड़ (~10% YoY गिरावट; पिछली तिमाही ₹4,257 करोड़)
- रिवेन्यू: ₹30,349 करोड़ (+8.2% YoY)
- ऑपरेटिंग मार्जिन: घटकर 16.3% (6 साल का निचला स्तर)
- EBIT: ₹4,942 करोड़
📈 रिवेन्यू डिटेल और देरी उबरते Deal Pipeline
- Constant Currency (CC) रेवेन्यू ग्रोथ: +3.7% YoY (~₹3.55 बिलियन USD)
- Deal Wins (TCV): $1.81 बिलियन (~₹14,300 करोड़)
- CEO ने बताया कि Q1 में कुछ बड़े डील्स Q2 में रिमैंड किए गए—इसके बावजूद नयी guidance को 3–5% R evenue growth के साथ मजबूत किया गया
💸 मार्जिन दबाव और लागत सुधार
- मार्जिन दबाव का मुख्य कारण:
- एक प्रमुख क्लाइंट की दिवालियापन के चलते ₹20 bps मार्जिन घटा
- जनरेटिव AI और मार्केट इन्वेस्टमेंट्स पर खर्च बढ़ा
- कंपनी ने संचालन के खर्च पर कड़ा नियंत्रण रखा
- FY26 के लिए revised EBIT guidance 17–18% (पहले 18–19%)
👥 संरचनात्मक बदलाव
- पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू:
- गैर-जरूरी सुविधाओं को बंद करना और कुछ क्षेत्रों में मानव संसाधन में कमी करना
- ₹223,151 कर्मचारी–संख्या, Q1 में 269 लोगों की कमी
- Attrition 12.8% — स्थिर स्थिति
🤖 AI‑led Strategy & Outlook
- HCL ने अपनी AI क्षमता और OpenAI सहयोग को बेहतर तरीके से उभारा
- Digital segment CC में +15.2% की तेजी पर आधारित रहा
- CEO ने कहा: “हम AI युग में अत्यधिक उपयुक्त स्थिति में हैं”
🧮 संक्षिप्त विश्लेषण
| पॉइंट | सारांश |
|---|---|
| 📉 प्रॉफिट गिरावट | 9.7–10% YoY गिरावट |
| 📈 रेवेन्यू ग्रोथ | 8.2–8.16% बढ़त |
| 🎯 मार्जिन दबाव | 16.3% – ऑपरेटिंग मार्जिन 6 साल का निचला |
| 🔄 Deal pipeline | मजबूत: ₹14,300 करोड़ + नया ग्रोथ अनुमान |
| 🔧 पुनर्गठन | लागत सुधार, गैर-जरूरी सुविधाओं से मुक्ति |
✅ निष्कर्ष:
HCL का Q1 FY26 परिणाम मिश्रित था: राजस्व में बढ़ोतरी के बावजूद लाभ और मार्जिन पर दबाव था। लेकिन AI निवेश, बढ़ते डील्स, और पुनर्गठन की पहल दीर्घकालिक सुधार की उम्मीद जगाती हैं।
निवेशक अब देख रहे हैं कि Q2 में क्या डील्स बंद होती हैं और मार्जिन सुधार वापस लौटता है — ये कारक कंपनी के FY26 के ट्रैन्जिशन को तय करेंगे।
📌 निम्न अंक दिख रहे हैं:
- AI‑led growth मॉडल पर स्थिर ध्यान
- लागत नियंत्रण + पुनर्गठन
- बेहतर मार्केट व डील विज़िबिलिटी Q2 में
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के विचार हैं, न कि न्यूज़ जागरण के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह लें।
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