जानें भारत और दुनिया में 2025 के ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स – Reliance, Adani, NTPC, NEOM, EU Hydrogen Strategy और Hydrogen Mobility Trends। ग्रीन हाइड्रोजन से ऊर्जा क्रांति और डीकार्बोनाइजेशन का भविष्य।
ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) 2025 में दुनिया भर में क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन का सबसे बड़ा ट्रेंड बन चुका है। भारत भी इसमें तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और कई मेगा प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए जा चुके हैं। यह न केवल ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security) का समाधान है बल्कि कार्बन-न्यूट्रल अर्थव्यवस्था की ओर एक बड़ा कदम भी है।
🇮🇳 भारत में ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स 2025
भारत सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (NGHM) के तहत 2030 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
🔑 प्रमुख प्रोजेक्ट्स:
- Reliance Industries → गुजरात में बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन हब।
- Adani New Industries Ltd. (ANIL) → मुंद्रा में विश्व का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट विकसित कर रहा है।
- NTPC → ग्रीन हाइड्रोजन आधारित मोबिलिटी प्रोजेक्ट्स (बसें और ट्रक) चला रहा है।
- ONGC & Indian Oil → रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल उद्योगों में हाइड्रोजन ब्लेंडिंग पर काम कर रहे हैं।
- GAIL India → हाइड्रोजन पाइपलाइन और स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश।
🌍 ग्लोबल ट्रेंड्स 2025
दुनिया भर में ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन (Fuel of the Future) माना जा रहा है।
- यूरोप (EU Hydrogen Strategy) → 2030 तक 40 GW इलेक्ट्रोलाइज़र क्षमता।
- USA (Inflation Reduction Act) → हाइड्रोजन उत्पादन पर टैक्स इंसेंटिव।
- सऊदी अरब (NEOM Project) → दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन अमोनिया प्रोजेक्ट।
- ऑस्ट्रेलिया → एशिया को ग्रीन हाइड्रोजन एक्सपोर्ट करने की तैयारी।
- जापान & दक्षिण कोरिया → हाइड्रोजन मोबिलिटी (कार, बस, ट्रेन) पर बड़े निवेश।
📊 ग्रीन हाइड्रोजन क्यों महत्वपूर्ण है?
- जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना।
- इस्पात, सीमेंट और रसायन जैसे Hard-to-Abate sectors को डीकार्बोनाइज़ करना।
- नवीकरणीय ऊर्जा का बेहतर स्टोरेज और उपयोग।
- ऊर्जा आयात पर खर्च घटाना और एक्सपोर्ट अवसर बढ़ाना।
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🔮 भविष्य की संभावनाएँ (2025 और आगे)
- Hydrogen Blending → गैस पाइपलाइनों में प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन मिलाना।
- Hydrogen Mobility → EVs के साथ Fuel Cell Vehicles (FCVs) का विस्तार।
- Hydrogen Hubs → भारत और दुनिया में नए हाइड्रोजन हब्स का विकास।
- International Trade → भारत ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया का निर्यातक बनेगा।
📌 निष्कर्ष
ग्रीन हाइड्रोजन आने वाले समय की सस्टेनेबल एनर्जी क्रांति है। भारत 2025 तक वैश्विक स्तर पर अग्रणी देशों में शामिल हो चुका है और आने वाले दशक में यह ऊर्जा स्वतंत्रता + निर्यात क्षमता दोनों में अहम योगदान देगा।
FAQ – Green Hydrogen Projects 2025
Q1: ग्रीन हाइड्रोजन क्या है?
A: ग्रीन हाइड्रोजन नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन) से पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा बनाया जाता है, जिसमें कार्बन उत्सर्जन शून्य होता है।
Q2: भारत में 2025 में ग्रीन हाइड्रोजन के प्रमुख प्रोजेक्ट कौन से हैं?
A: रिलायंस, अडानी, NTPC, IOCL, ONGC और GAIL जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स गुजरात, मुंद्रा और रिफाइनरी हब्स में चल रहे हैं।
Q3: भारत का ग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य क्या है?
A: नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत 2030 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
Q4: ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग कहाँ होगा?
A: स्टील, सीमेंट, केमिकल्स जैसे भारी उद्योगों, बिजली उत्पादन, मोबिलिटी (कार, बस, ट्रक) और गैस पाइपलाइन ब्लेंडिंग में।
Q5: दुनिया में ग्रीन हाइड्रोजन के कौन से बड़े प्रोजेक्ट हैं?
A: सऊदी अरब का NEOM Project, यूरोप का EU Hydrogen Strategy, अमेरिका का IRA इंसेंटिव, ऑस्ट्रेलिया और जापान के एक्सपोर्ट/मोबिलिटी प्रोजेक्ट्स।
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