ग्रीन बिल्डिंग्स 2025: भारत का रियल एस्टेट सेक्टर अब तेजी से पर्यावरण अनुकूल हो रहा है। जानिए ग्रीन सर्टिफिकेशन, सरकारी प्रोत्साहन, ऊर्जा बचत तकनीक और आने वाले रियल एस्टेट ट्रेंड्स की पूरी जानकारी।
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1. ग्रीन बिल्डिंग्स मार्केट में उछाल
- भारत में ग्रीन बिल्डिंग्स मार्केट 2025 तक $39 बिलियन (लगभग ₹3.2 लाख करोड़) तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें कमर्शियल सेगमेंट $11 बिलियन और रेसिडेंशियल $28 बिलियन तक जा सकता है।
- CREDAI-Colliers की रिपोर्ट के अनुसार, टॉप छह भारतीय शहरों में लगभग 66% ग्रेड-A ऑफिस बिल्डिंग्स अब ग्रीन सर्टिफाइड हैं, और यह संख्या और बढ़ने की संभावना है।
2. बढ़ते हैं ग्रीन लॉन्चेज
- ग्रीन सर्टिफाईड प्रोजेक्ट्स की हिस्सेदारी नए रियल एस्टेट लॉन्चेज़ में बढ़कर 2024 में 35% हो गई, जो 2020 में सिर्फ 12% थी।Middle Height
3. इंसेन्टिव और पॉलिसी सपोर्ट
- गुजरात सरकार ने रीयल एस्टेट में ग्रीन बिल्डिंग्स को बढ़ावा देने के लिए FSI इन्सेंटिव्स, त्वरित क्लियरेंस और ग्रीन फाइनेंस को बढ़ावा देने की पहल की है।
- सरकारी-प्रेरित प्रोत्साहन जैसे IGBC, EDGE, GRIHA सर्टिफिकेशन ने ग्रीन बिल्डिंग के पालन को मजबूती दी है।
4. प्रौद्योगिकी और डिज़ाइन के माध्यम से बचत
- जॉनसन कंट्रोल्स ने दिखाया कि उन्नत HVAC सिस्टम, स्मार्ट एनर्जी मैनेजमेंट से तीन प्रमुख शहरों (चेन्नई, विजाग, बेंगलुरु) में ऊर्जा की खपत में 40%, और वार्षिक CO₂ उत्सर्जन में 396 टन की कमी हुई।
5. प्रधान उदाहरण – दिल्ली का Kartavya Bhavan
- नई केंद्रीय सचिवालय इमारत Kartavya Bhavan में सोलर पैनल्स, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, LED लाइटिंग, जीआरआईएचए-4 सर्टिफिकेशन, स्मार्ट HVAC और जल-प्रबंधन जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।
सारांश तालिका
ट्रेंड/उदाहरण | मुख्य बिंदु |
---|---|
मार्केट वॉल्यूम | ग्रीन बिल्डिंग्स मार्केट 2025 तक $39 बिलियन तक विस्तार |
लॉन्च में ग्रीन शेयर | ग्रीन सर्टिफाइड प्रोजेक्ट्स 2020 से 2024 तक 12% से 35% तक बढ़े |
सरकारी समर्थन | FSI इन्सेंटिव, जल्दी क्लियरेंस, फंडिंग और सर्टिफिकेशन में मदद |
तकनीकी बचत | उन्नत HVAC और एनर्जी सिस्टम से 40% ऊर्जा बचत |
प्रमुख उदाहरण | Kartavya Bhavan – सबसे आधुनिक ग्रीन बिल्डिंग्स का प्रतीक |
निष्कर्ष
2025 तक, भारत में ग्रीन बिल्डिंग्स केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि रियल एस्टेट के भविष्य की दिशा बन चुकी हैं।
उच्च प्रारंभिक लागत के बावजूद, विकासकर्ता, नीतियाँ और ग्राहक—तीनों ग्रीन निर्माण को मजबूती से अपनाने की राह पर अग्रसर हैं।
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