डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद Gift Nifty में 174 अंकों की तेज गिरावट आई। जानें बाजार पर इसका क्या असर पड़ा, रुपया कैसे प्रभावित हुआ और निवेशकों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
Contents
📰 1. Trump की 25% Tariff घोषणा के बाद Gift Nifty में तेज गिरावट
- 30 जुलाई 2025 को डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% टैरिफ + रूस से ऊर्जा एवं हथियार आयात पर penalty लगाने की घोषणा की। इस घोषणा के तुरंत बाद Gift Nifty में 174 अंक (0.70%) की गिरावट दर्ज की गई, और यह 24,680 के स्तर पर ट्रेड करने लगा।
📉 2. आगामी बाजार संभावनाएँ और उलझन भरी शुरुआत

- उसी दिन सुबह Gift Nifty लगभग 24,821 स्तर पर, पिछले बंद मूल्य से करीब 17 अंक नीचे खुला। यह संकेत था कि निफ्टी 50 भी मंद शुरुआत कर सकता है।
- Reuters रिपोर्टों के अनुसार, इन संकेतों के बीच Fed की आगामी नीति घोषणा और India–US trade deal की अनिश्चितता से निवेशकों में सतर्कता बनी हुई है।
⚠️ 3. विश्लेषकों की राय: दरअसल क्या है खतरा?
- कई रणनीतिकारों ने “Terrible Thursday” की आशंका जताते हुए कहा कि शुक्रवार को D‑Street में knee-jerk reaction संभव है। Gift Nifty के futures पहले से ही 160-174 अंक नीचे चल रहे थे, जो अगले सत्र में gap-down opening की ओर संकेत करता है।
- INVasset PMS के Fund Manager Anirudh Garg और WealthMills के Kranthi Bathini ने कहा कि volatility बढ़ेगी, लेकिन दीर्घकालीन दृष्टिकोण में India की macro fundamentals स्थिर बने रह सकते हैं।
📊 4. निर्यात क्षेत्र और मुद्रा पर दबाव
- हावी वैश्विक तनाव व टैरिफ की संभावना से कियानुसार निर्यात-प्रधान क्षेत्रों—engineering, textiles, gems—में दबाव बढ़ने की आशंका है।
- रुपया भी दबाव में है; डॉलर के मुकाबले ₹86.23 तक गिर गया — जिसकी वजह अमेरिकी टैरिफ अलर्ट और FII निवेश निकलना बताया जा रहा है। RBI ने संभावित हस्तक्षेप की तैयारी रखी है।
📋 Quick Summary Table
विशेषता | जानकारी |
---|---|
Gift Nifty गिरावट | ~174 अंक (0.70%) |
Trading Level | 24,680–24,700 |
Principal Trigger | Trump की 25% Tariff + penalty घोषणा |
Mood Indicator | Fed decision, Rupee weakness, trade tension |
Impact on Sectors | Export-linked industries |
Currency Pressure | ₹86‑87/USD सीमा; RBI सुरक्षा उपाय कर सकती है |
🎯 5. बाज़ार की स्थिति और आगे के संकेत
- आर्थिक भूगोल में ट्रेड वार्ता अस्थिर दिख रही है; साथ ही FII लगातार विक्रय कर रहे हैं — जुलाई में ₹1.6 बिलियन से अधिक निकासी हुई है।
- हालांकित November–December तक कुछ rebound संभव है, लेकिन Fed की नीति और trade वार्ता की दिशा अगले सत्र में प्रमुख दिशा तय करेगी।