जानें 2025 में ग्रीन हाइड्रोजन का भविष्य – भारत और दुनिया के मेगा प्रोजेक्ट्स, ऊर्जा ट्रांजिशन में भूमिका, उद्योगों का डीकार्बोनाइजेशन और नेट-ज़ीरो लक्ष्यों की दिशा।
ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) को दुनिया की एनर्जी ट्रांजिशन (Energy Transition) में गेम-चेंजर माना जा रहा है। जैसे-जैसे देश नेट ज़ीरो (Net Zero) लक्ष्यों की ओर बढ़ रहे हैं, ग्रीन हाइड्रोजन उद्योग, परिवहन और बिजली उत्पादन में अहम भूमिका निभाने वाला है।
🔑 ग्रीन हाइड्रोजन क्यों महत्वपूर्ण है?
- कार्बन-फ्री एनर्जी सोर्स → नवीकरणीय ऊर्जा से पानी का इलेक्ट्रोलिसिस करके तैयार।
- हार्ड-टू-अबेट सेक्टर्स का समाधान → स्टील, सीमेंट, केमिकल्स जैसे उद्योगों को डीकार्बोनाइज करने का तरीका।
- एनर्जी स्टोरेज और ग्रिड बैलेंसिंग → पवन और सौर ऊर्जा को लंबे समय तक स्टोर करने का माध्यम।
- इंपोर्ट डिपेंडेंसी कम करना → भारत जैसे देशों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता।
🌍 ग्लोबल ट्रेंड्स 2025
- यूरोप: EU Hydrogen Strategy के तहत 2030 तक 40 GW इलेक्ट्रोलाइज़र।
- USA: Inflation Reduction Act से हाइड्रोजन प्रोडक्शन पर टैक्स इंसेंटिव।
- सऊदी अरब: NEOM प्रोजेक्ट – दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन हब।
- जापान व दक्षिण कोरिया: हाइड्रोजन मोबिलिटी और आयात समझौते।
- ऑस्ट्रेलिया: एशिया को ग्रीन हाइड्रोजन एक्सपोर्ट करने की तैयारी।
🇮🇳 भारत में ग्रीन हाइड्रोजन का भविष्य
- National Green Hydrogen Mission (2023) → 2030 तक 5 MTPA उत्पादन का लक्ष्य।
- बड़े निवेशक: रिलायंस, अडानी, NTPC, GAIL, IOCL।
- हाइड्रोजन हब्स: गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश।
- मोबिलिटी: हाइड्रोजन बसें, ट्रक और रेलवे प्रोजेक्ट्स।
- एक्सपोर्ट अवसर: जापान, कोरिया और यूरोप को ग्रीन हाइड्रोजन सप्लाई।
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🚀 भविष्य की संभावनाएँ
- Hydrogen Blending → गैस पाइपलाइनों में प्राकृतिक गैस के साथ मिलाना।
- Hydrogen Mobility → Fuel Cell Vehicles (FCVs) का विस्तार।
- Industrial Decarbonization → इस्पात, उर्वरक और रसायन उद्योगों में बड़े पैमाने पर उपयोग।
- Global Trade → भारत ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया का निर्यातक बनेगा।
📌 निष्कर्ष
ग्रीन हाइड्रोजन आने वाले दशक में सस्टेनेबल एनर्जी ट्रांजिशन का स्तंभ होगा। यह न केवल जलवायु परिवर्तन से निपटने का साधन है, बल्कि आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा का भी आधार है। भारत और दुनिया, दोनों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूचर फ्यूल साबित होने वाला है।
FAQ – Future of Green Hydrogen in Energy Transition
Q1: ग्रीन हाइड्रोजन क्या है और यह कैसे बनता है?
A: ग्रीन हाइड्रोजन नवीकरणीय ऊर्जा (सौर/पवन) से पानी का इलेक्ट्रोलिसिस करके बनाया जाता है, जिसमें कार्बन उत्सर्जन शून्य होता है।
Q2: ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा ट्रांजिशन में क्यों महत्वपूर्ण है?
A: यह कार्बन-फ्री ईंधन है, हार्ड-टू-अबेट सेक्टर्स को डीकार्बोनाइज करता है, और ऊर्जा स्टोरेज व सुरक्षा में मदद करता है।
Q3: भारत का ग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य क्या है?
A: भारत ने 2030 तक 5 MTPA ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा है, नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत।
Q4: ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग किन क्षेत्रों में होगा?
A: उद्योग (स्टील, सीमेंट, उर्वरक), मोबिलिटी (FCVs, बसें, ट्रक), पावर स्टोरेज और एक्सपोर्ट मार्केट्स।
Q5: दुनिया के प्रमुख ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स कौन से हैं?
A: सऊदी अरब का NEOM Project, यूरोप का EU Hydrogen Strategy, अमेरिका का IRA इंसेंटिव, जापान और कोरिया के हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट्स।
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