2026 तक भारत में EV चार्जिंग नेटवर्क कैसे विकसित होगा? सरकारी योजनाएँ, फास्ट चार्जर्स, स्मार्ट शहर पहल और निजी कंपनियों की रणनीतियाँ जानें।
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ते ईंधन दाम, पर्यावरणीय जागरूकता और सरकारी प्रोत्साहन के कारण 2026 तक EVs का adoption और भी बढ़ने की उम्मीद है। इसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है – चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि भारत में EV चार्जिंग नेटवर्क 2026 तक कैसे विकसित होगा और इसका भविष्य कैसा रहेगा।
🚗 भारत में EV चार्जिंग नेटवर्क – वर्तमान स्थिति
- 2025 तक भारत में लगभग 47,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं।
- प्रति लाख लोगों पर केवल 1.8 चार्जिंग स्टेशन होने की वजह से कुछ राज्यों में अभी भी पर्याप्त चार्जिंग सुविधा नहीं है।
- EV adoption के चलते, विशेष रूप से दो-तीन पहिया वाहनों के लिए चार्जिंग नेटवर्क में तेजी आई है।
तथ्य: भारत में हर महीने औसतन 1600 km इलेक्ट्रिक कारें चलती हैं और 84% लोगों की यह पहली EV है।
🏛️ सरकारी योजनाएँ और निवेश
भारत सरकार ने EV चार्जिंग नेटवर्क बढ़ाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएँ शुरू की हैं:
- PM E-DRIVE योजना
- 2024-26 के दौरान ₹10,900 करोड़ का बजट।
- EV चार्जिंग स्टेशनों के लिए ₹2,000 करोड़ का आवंटन।
- FAME-II योजना
- सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए प्रोत्साहन।
- EV adoption और चार्जिंग सुविधा दोनों को बढ़ावा।
सरकार की ये पहल 2026 तक 72,300 चार्जिंग स्टेशनों के लक्ष्य को संभव बनाएगी।
🏢 प्रमुख कंपनियों की भागीदारी
- Tata Motors – 2027 तक 4,00,000 चार्जिंग पॉइंट्स और 120 kW ‘Mega Chargers’ स्थापित करने की योजना।
- Oil Marketing Companies (OMCs) – इंडियन ऑयल, BPCL और HPCL 2026 तक 22,000 चार्जिंग स्टेशनों का लक्ष्य।
- Hyundai India – 2031 तक 600 फास्ट चार्जिंग स्टेशनों की योजना।
निजी और सरकारी कंपनियों की भागीदारी EV चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत कर रही है।
🏙️ स्मार्ट शहरों में चार्जिंग
- आधिकारिक नीति: अहमदाबाद में 100 मीटर से ऊँची इमारतों के प्रत्येक पार्किंग स्लॉट में EV चार्जिंग प्वाइंट अनिवार्य।
- सूरत ग्रीन व्हीकल नीति-2025:
- EV खरीद पर ₹3,000 – ₹1 लाख तक का प्रोत्साहन।
- पार्किंग स्लॉट का 10% EV के लिए आरक्षित।
- 5 साल के लिए वाहन कर में छूट।
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🛣️ हाईवे और लंबी दूरी की यात्रा के लिए चार्जिंग
- ThunderPlus और Turno – 600+ किलोमीटर लंबी हाईवे पर 1 मेगावाट क्षमता वाले चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना।
- VNT – हर 25 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य।
इस तरह, लंबी दूरी की यात्रा भी EVs के लिए आसान होगी।
🔮 भविष्य का दृश्य – 2026 तक
- चार्जिंग पॉइंट्स की संख्या: लगभग 72,300 (22,100 फास्ट चार्जर्स, 48,400 टू-व्हीलर/थ्री-व्हीलर चार्जर्स, 1,800 बस/ट्रक चार्जर्स)।
- DC फास्ट चार्जर्स: 14,000 से बढ़कर 2040 तक 11 लाख तक पहुंचने की संभावना।
- EV adoption बढ़ने के साथ, हर राज्य में चार्जिंग नेटवर्क मजबूत और सुलभ होगा।
✅ निष्कर्ष
2026 तक भारत का EV चार्जिंग नेटवर्क तेजी से विकसित होगा। सरकारी योजनाएँ, निजी निवेश और स्मार्ट सिटी पहल मिलकर EV adoption को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण लाभ होंगे, बल्कि लंबी दूरी की यात्रा और रोज़मर्रा की जरूरतें भी EVs के लिए आसान बनेंगी।
सुझाव: यदि आप EV खरीदने का सोच रहे हैं, तो चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता और शहर/राज्य की नीति जरूर देखें।
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