e-NAM 2.0 से 2026 तक किसानों की मंडी व्यवस्था डिजिटल हो जाएगी। जानें कैसे AI, Blockchain और UPI पेमेंट से फसल बिक्री, कीमत और लॉजिस्टिक्स में क्रांति आएगी।
भारत में कृषि सुधारों के तहत e-NAM (National Agriculture Market) किसानों के लिए एक बड़ा डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। 2016 में लॉन्च हुई इस योजना का मकसद किसानों को देशभर की मंडियों से ऑनलाइन जोड़ना और उन्हें बेहतर दाम दिलाना था। अब सरकार e-NAM 2.0 पर काम कर रही है, जो 2026 तक किसानों की बिक्री-खरीद प्रणाली को और स्मार्ट और डिजिटल बनाएगा।
e-NAM 2.0 में क्या नया होगा?

1. AI और डेटा-ड्रिवन प्राइसिंग
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए फसल की डिमांड-सप्लाई एनालिसिस होगी।
 - किसानों को “सही दाम का सुझाव” तुरंत मोबाइल पर मिलेगा।
 
2. IoT और ट्रेसबिलिटी सिस्टम
- पैकेजिंग और लेबलिंग में QR कोड / Blockchain आधारित ट्रेसबिलिटी।
 - खरीदार जान पाएंगे कि फसल कहां, कैसे और कब उगाई गई।
 
3. वन-नेशन, वन-मार्केट इंटिग्रेशन
- राज्य मंडियों की सीमाएं और भी कम होंगी।
 - किसान सीधे किसी भी राज्य में खरीदार को बेच पाएंगे।
 
4. डिजिटल पेमेंट + लोन सुविधा
- UPI, e-RUPI और FinTech लोन सीधे प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध होंगे।
 - खरीदार को तुरंत पेमेंट और किसान को सुरक्षित लेन-देन मिलेगा।
 
5. सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स कनेक्शन
- मंडी से खरीदी गई फसल की डोर-टू-डोर डिलीवरी सर्विस।
 - किसान और खरीदार को रियल-टाइम ट्रैकिंग सुविधा।
 
6. FPO और Co-operatives का इंटिग्रेशन
- e-NAM 2.0 में FPO (Farmer Producer Organization) सीधे रजिस्टर्ड होंगे।
 - ग्रुप में बेचने पर किसान को bulk order के लिए अतिरिक्त मुनाफा मिलेगा।
 
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किसानों के लिए e-NAM 2.0 के फायदे

✅ बेहतर कीमत – AI आधारित प्राइस डिस्कवरी से।
✅ तेज़ और सुरक्षित पेमेंट – UPI / बैंक ट्रांसफर से।
✅ बिचौलियों पर निर्भरता कम – किसान सीधे खरीदार से जुड़ेंगे।
✅ एकीकृत बाज़ार – पूरे भारत में कहीं भी फसल बेचने की सुविधा।
✅ पारदर्शिता – Blockchain से फसल की ट्रेसबिलिटी।
✅ लॉजिस्टिक्स सपोर्ट – वेयरहाउसिंग, ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज डिजिटल रूप से बुक।
2026 तक किसानों की मंडी अनुभव में बदलाव
| पुरानी प्रणाली | e-NAM 2.0 प्रणाली | 
|---|---|
| मंडी में फसल ले जाकर बोली लगवाना | घर बैठे ऑनलाइन बोली लगाना | 
| लोकल व्यापारी पर निर्भरता | देशभर के खरीदार तक पहुंच | 
| नकद पेमेंट या देरी | UPI / बैंक में तुरंत पैसा | 
| जानकारी की कमी | AI और डेटा-एनालिटिक्स से सही दाम | 
| ट्रांसपोर्ट/वेयरहाउस की परेशानी | डिजिटल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क से समाधान | 
निष्कर्ष

e-NAM 2.0 2026 तक भारत की कृषि मंडियों को पूरी तरह डिजिटल और स्मार्ट बना देगा। किसान घर बैठे ही अपनी उपज देशभर के खरीदारों को बेच सकेंगे, ट्रांसपेरेंट दाम पाएंगे और सुरक्षित पेमेंट का फायदा उठा पाएंगे। इससे न केवल किसान की आमदनी बढ़ेगी बल्कि भारत की कृषि प्रणाली भी “डिजिटल एग्रीकल्चर इकोनॉमी” की ओर बढ़ेगी।
FAQ – e-NAM 2.0
Q1. e-NAM 2.0 कब लॉन्च होगा?
👉 सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से 2025-2026 तक लागू करेगी।
Q2. क्या e-NAM 2.0 पर छोटे किसान भी जुड़ सकते हैं?
👉 हाँ, छोटे किसान सीधे मोबाइल ऐप से जुड़ सकते हैं और FPO के ज़रिए bulk में बेच सकते हैं।
Q3. क्या इसमें पेमेंट सुरक्षित होगा?
👉 हाँ, पेमेंट UPI और बैंकिंग चैनलों के जरिए होगा, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम रहेगी।
Q4. क्या किसान विदेशों में भी फसल बेच पाएंगे?
👉 e-NAM 2.0 का लक्ष्य ग्लोबल B2B मार्केट से जुड़ना है, जिससे निर्यात की सुविधा बढ़ेगी।
Q5. क्या ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी मिलेगी?
👉 हाँ, डिजिटल लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग नेटवर्क को e-NAM 2.0 से जोड़ा जा रहा है।
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