भारत में ई-कॉमर्स 2025 में तेजी से बढ़ रहा है। जानिए ONDC और अन्य प्लेटफ़ॉर्म की भूमिका, क्विक-कॉमर्स का उभार, चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा।
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भारत में ई-कॉमर्स 2025 में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां पारंपरिक प्लेटफ़ॉर्म और नवाचार दोनों मिलकर एक समावेशी और गतिशील डिजिटल बाजार का निर्माण कर रहे हैं। इस संदर्भ में, Open Network for Digital Commerce (ONDC) प्रमुख भूमिका निभा रहा है। आइए, इस वर्ष के प्रमुख रुझानों और ONDC के प्रभाव पर एक विस्तृत दृष्टि डालते हैं।
📈 भारत में ई-कॉमर्स की वृद्धि
- बाजार आकार: FY2025 में भारत का ई-कॉमर्स ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) लगभग ₹1.19 लाख करोड़ (US$ 14 बिलियन) था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12% की वृद्धि दर्शाता है ।
- दीर्घकालिक प्रक्षेपण: IBEF के अनुसार, भारत का ई-कॉमर्स FY2024 में ₹10.83 लाख करोड़ (US$ 125 बिलियन) था और FY2030 तक ₹29.89 लाख करोड़ (US$ 345 बिलियन) तक पहुँचने की संभावना है, जो 15% की वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है ।
- क्विक-कॉमर्स का उभार: FY2025 में Blinkit और Instamart जैसे प्लेटफ़ॉर्मों पर ₹64,000 करोड़ के ऑर्डर हुए। यह क्षेत्र FY2028 तक ₹2 लाख करोड़ के GMV तक पहुँच सकता है, जो तत्काल डिलीवरी की बढ़ती मांग को दर्शाता है ।
🔄 ONDC का प्रभाव और विकास

- पारंपरिक मॉडल से नेटवर्क मॉडल की ओर: ONDC प्लेटफ़ॉर्म-केन्द्रित दृष्टिकोण को छोड़कर नेटवर्क-केन्द्रित दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रहा है, जिससे छोटे विक्रेताओं को बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिल रहा है ।
- विकास के संकेत: मार्च 2025 में ONDC पर 20.4 करोड़ लेन-देन हुए, लेकिन हाल के महीनों में खुदरा ऑर्डरों में मंदी देखी गई है। हालांकि, मोबिलिटी और लॉजिस्टिक्स खंडों में वृद्धि जारी है, जिससे यह संकेत मिलता है कि ONDC का प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों में फैल रहा है ।
- प्रेरणा उपाय: खाद्य वितरण क्षेत्र में मंदी को देखते हुए, ONDC फिर से ₹100-150 करोड़ के प्रोत्साहन देने पर विचार कर रहा है, जिससे प्लेटफ़ॉर्म पर गतिविधि बढ़ाने की योजना है ।
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⚠️ चुनौतियाँ और नियामक पहल
- BIS मानकों का प्रभाव: Bureau of Indian Standards (BIS) द्वारा प्रस्तावित नए मानकों के कारण छोटे विक्रेताओं पर अतिरिक्त अनुपालन लागत का दबाव बढ़ सकता है, जो नवाचार और समावेशी विकास में बाधा डाल सकता है ।
- क्विक-कॉमर्स की स्थिरता: Blume Ventures की रिपोर्ट के अनुसार, क्विक-कॉमर्स क्षेत्र की वृद्धि विशेष रूप से छोटे शहरों में धीमी हो सकती है, और प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्मों के प्रवेश से प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है ।
🔮 भविष्य की दिशा

- समावेशी डिजिटल बाजार: ONDC का उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमों को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों पर समान अवसर प्रदान करना है, जिससे समावेशी और प्रतिस्पर्धी ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो सके ।
- उपभोक्ता व्यवहार में परिवर्तन: सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल चैनलों के माध्यम से उपभोक्ताओं की खरीदारी की आदतें बदल रही हैं, जिससे ई-कॉमर्स के विकास में नई दिशाएँ खुल रही हैं ।
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