Crazxy Movie Review: सोहम शाह स्टारर और गिरिश कोहली द्वारा लिखित-निर्देशित ‘क्रेज़ी’ सस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर फ़िल्म है. इस मूवी को देखने की प्लानिंग कर रहे हैं तो पहले यहां इसका रिव्यू पढ़ लीजिए.
Crazxy Movie Review: क्रेज़ी सस्पेंस और थ्रिलर से है भरपूर
Crazxy Review: ‘क्रेज़ी’… एक ऐसी सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म है जिसकी कहानी, प्लॉट और फ़िल्म में होने वाली तमाम घटनाओं का अंदाज़ा लगाना दर्शक के लिए नामुमकिन सा साबित होगा… अब आप कहेंगे कि एक बढ़िया सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म को ऐसा ही तो होना चाहिए… बिल्कुल, आप सही सोच रहे हैं. मगर एक बेहद क्रेजी आइडिया पर बनी फ़िल्म ‘क्रेज़ी’ इस आला दर्ज़े की क्रेज़ी और दिलचस्प फ़िल्म है कि इसे देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि आखिर इसे बनाने का ख़्याल राइटर-डायरेक्टर गिरीश कोहली को आया कैसे होगा?

क्या है ‘क्रेज़ी की कहानी?
‘तुम्बाड’ जैसी यादगार और कल्ट हॉरर-फ़ैटेसी फ़िल्म प्रोड्यूस कर चुके और उसमें मुख्य भूमिका निभा चुके सोहम शाह अपनी ताज़ा फ़िल्म से भी उतना ही सरप्राइज़ करते हैं जैसा कि उन्होंने ‘तुम्बाड़’ के ज़रिए किया था. फ़िल्म की कहानी पूरी तरह से उन्हीं इर्द-गिर्द घूमती है और एक एक्टर के तौर पर वन मैन शो वाली फ़िल्म साबित होती है जिसमें अपनी अदाकारी से वो इस फ़िल्म को विश्वसनीय बनाने कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.
‘क्रेज़ी’ कोई आम किडनैपिंग ड्रामा फ़िल्म नहीं है. यहां एक डॉक्टर पिता और तलाकशुदा पति को ड्राउन सिंड्रोम का शिकार अपनी 16 साल की बेटी के किडनैप होने की जानकारी मिलती है तो पहले उसे लगता है कि कोई अनजाना शख़्स उसके साथ प्रैंक कर रहा है. फिर उसे लगता है कि उसकी एक्स वाइफ़ ही उसके जज़्बातों के साथ खिलवाड़ कर रही है. मगर बाद में जब उसे इस बात का यकीन होता है कि अपनी एक्स वाइफ़ के साथ रहने वाली उसकी बेटी सचमुच में किडनैप हो गयी है तो वो बदहवास सा उसे बचाने के लिए निकल पड़ता है अपनी ज़िंदगी के सबसे मुश्क़िल सफ़र पर.
पैदाइशी रूप से मानसिक कमजोरी की शिकार बेटी की जान बचाने की डॉक्टर अभिमन्यु सूद (सोहम शाह) की कोशिश जल्द पूरी तरह से एक रोड मूवी होने का एहसास कराती है. अपनी रेंज रोवर कार में सवार डॉक्टर अभिमन्यु का सफ़र इस क़दर लम्बा और परेशानी भरा साबित होता है कि एक दर्शक के रूप में आपको लगने लगता है कि आखिर ये डॉक्टर अपनी बेटी को बचाने के लिए कभी अपनी मंजिल तक पहुंच भी पाएगा या नहीं?
लगभग पूरी फ़िल्म चलती हुई कार में शूट की गयी है. डॉक्टर अभिमन्यु के अलावा फ़िल्म के बाक़ी किरदार फ़िल्म में दिखाई नहीं बल्कि डॉक्टर को आने वाले फ़ोन कॉल्स के रूप में बस सुनाई देते हैं. फिर चाहे उनकी एक्स वाइफ़ हों, मौजूदा प्रेमिका हो, डॉक्टर को एक अलग तरह की मुसीबत से बचाने की कोशिश करने वाला सुपीरियर हो या फिर पांच करोड़ की फ़िरौती मांगने वाला किडनैपर हो…
सभी की सशक्त मौजूदगी को आप उनकी आवाज़ के ज़रिए फ़ील तो कर सकते हैं मगर उनका एक भी दृश्य पर्दे पर दिखाई नहीं देता है. डायरेक्टर गिरीश कोहली ने निमिषा सजायन, पीयूष मिश्रा और टीनू आनंद की आवाजों को फ़िल्म की ख़ासियत के रूप में बख़ूबी इस्तेमाल किया है जो फ़िल्म को और प्रभावशाली बनाता है.
तय समय पर किडनैपर द्वारा बताई गयी जगह पर पहुंचने के दौरान कार के एक पहिये के ख़राब हो जाने के बाद उसे बदले जाने के दौरान डॉक्टर अभिमन्यु जिस तरह से अस्पताल में मौजूद अपने जूनियर को वीडियो कॉल्स के ज़रिए एक अर्जेंट सर्जरी करने के इंस्ट्रक्शन्स देते हैं, वो तमाम दृश्य यकीनन आपके मन पर गहरा असर करेंगे. सर्जरी के लाइव सीन्स को जिस तरह से कार के टायर के बदलने वाले सीक्वेंस के साथ इंटरकट किया गया है, वो फ़िल्म को और भी असरदार बनाने में मदद करता है.
1 घंटे और 40 मिनट की फ़िल्म है ‘क्रेज़ी
फ़िल्म ‘क़्रेज़ी’ महज़ एक घंटे और 40 मिनट की फ़िल्म है मगर एक सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म के रूप में इस क़दर दिलचस्प और अनूठी फ़िल्म है कि आपको पता ही नहीं चलेगा कि फ़िल्म कब क्लाइमैक्स तक पहुंच जाती है. फ़िल्म का क्लाइमैक्स और किडनैपिंग से जुड़ा ख़ुलासा भी आपको चौंका देगा. मगर हो सकता है कि क्लाइमैक्स में होने वाला खुलासा आपको हज़म ना हो, मगर बेटी को बचाने की बाप की जद्दोजहद और अंत में बाप-बेटी के मिलन के जज़्बाती दृश्य फ़िल्म को नये मानी प्रदान करते हैं.
डायरेक्टर गिरीश कोहली ने ‘क्रेज़ी‘ के रूप में बनाई है शानदार फ़िल्म
‘मॉम’ और ‘केसरी’ जैसी फ़िल्में लिखने का अनुभव रखने वाले राइटर-डायरेक्टर गिरीश कोहली ने ‘क्रेज़ी’ के रूप में एक उम्दा फ़िल्म लिखी है और निर्देशन की बारीकियों के ज़रिए फ़िल्म को एक अलहदा किस्म की फ़िल्म बनाने के लिए ख़ूब मशक़्क़त की है जो पर्दे पर साफ़तौर पर नज़र भी आती है. अपने नाम के अनुरूप ये फ़िल्म सचमुच एक ‘क्रेज़ी’ राइड साबित होती है जिसे दर्शक के रूप में बड़े पर्दे पर ज़रूर अनुभव किया जाना चाहिए.
Also Read;