भारत सरकार ने विदेशों में रहते भारतीय मूल के लोगों को वीज़ा मुक्त यात्रा और लंबे समय तक निवास की अनुमति प्रदान करने वाली ओवरसीज़ सिटिजन ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड योजनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा एक गजट अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें गंभीर अपराधों के दोषी पाए जाने वाले OCI कार्डधारकों की स्थिति को ख़त्म करने का अधिकार सरकार को प्रदान किया गया है।
नई नियमावली—क्या है इसमें विशेष?
- 2 वर्ष या उससे अधिक की सज़ा: यदि कोई OCI कार्डधारक दो वर्ष या उससे अधिक की जेल की सज़ा से दंडित होता है, तो उसके OCI कार्ड को रद्द किया जा सकता है।
- 7 वर्ष या उससे अधिक की सज़ा वाले आरोप: यदि कोई व्यक्ति गंभीर अपराध के आरोप में चार्जशीटेड हो — जिसमें 7 साल या उससे अधिक की सज़ा का प्रावधान हो — तो OCI रद्दीकरण की योग्यता बन जाता है।
- विदेशी दोषों पर भी ही लागू: यह नियम केवल भारत में दी गई सज़ाओं पर नहीं, बल्कि विदेशों में भी दिए गए दोषसिद्ध या अभियुक्तों पर भी लागू होंगे, बशर्ते संबंधित अपराध भारतीय कानून में भी शामिल हो।
उद्देश्य: सुरक्षा और विश्वसनीयता में सुधार
इस कदम से सरकार का लक्ष्य OCI कार्यक्रम की विश्वसनीयता और सुरक्षा मानकों को मजबूत करना है। अनुकोचित लोगों को लाभ उठाने से रोका जाएगा और राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
OCI योजना—संक्षिप्त अवलोकन
- OCI क्या है? यह एक ऐसा दस्तावेज़ है जो भारतीय मूल के नागरिकों (जो अब किसी अन्य देश के नागरिक हैं) को भारत में वीज़ा-मुक्त प्रवेश, निवास, और संपत्ति अधिग्रहण की सुविधा देता है।
- पूरा नागरिक नहीं: OCI धारक भारत का निर्वाचक नागरिक नहीं होता; उसे वोट देने या सरकारी पदों पर आसीन होने का अधिकार नहीं होता।
- पूर्व में नियम? : पहले भी कुछ अपराधों में OCI रद्दीकरण की व्यवस्था थी, लेकिन यह अब और भी सख्त और व्यापक हो गई है।
प्रतीकात्मक और सुरक्षा परिप्रेक्ष्य से निष्कर्ष
इस नई नीति से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय मंच पर अपराधों का पालन करने वालों को विदेशी मूल के नागरिकों के जरिए छूट नहीं मिल सकती। राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक जवाबदेही और नैतिक स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम बेहद प्रभावशाली और आवश्यक है।
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