CERC की मंजूरी के बाद भारत में जनवरी 2026 से बाजार कूप्लिंग लागू होगी। इससे IEX के शेयरों में तेज़ गिरावट आई और निवेशकों में चिंता बढ़ी है। जानिए इसका असर और ताज़ा अपडेट।
Contents
1. मंज़ूरी का बड़ा असर
- 24 जुलाई 2025 को, केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (CERC) ने मार्केट कूप्लिंग की योजना को हरी झंडी दे दी
- इसका उद्देश्य भारत के विभिन्न बिजली एक्सचेंजेज़ को जोड़कर एक सामूहिक क्लियरिंग मूल्य स्थापित करना है, जिससे Transmissions की दक्षता और मूल्य समानता सुनिश्चित हो सके
2. IEX शेयरों में बेतहाशा गिरावट
- इस घोषणा के साथ ही IEX के शेयरों में ~30% तक गिरावट आई—24 जुलाई को शेयर ₹132–₹135 पर बंद हुए, जो कंपनी के इतिहास में सबसे तेज नुकसान रहा
- BSE व NSE दोनों पर फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) अनुबंधों में ओपन इंटरेस्ट 95% से ऊपर चला गया, जिसके चलते NSE ने इन शेयरों पर F&O प्रतिबंध (ban) लगा दिया
3. 24 घंटे बाद का पलटाव
- अगले दिन 25 जुलाई 2025, IEX ने Q1 FY26 का परिणाम जारी किया: 25% YoY वृद्धि के साथ नेट प्रॉफिट ₹120 करोड़ (या ₹120.7 करोड़) तक पहुँचा, और राजस्व में भी लगभग 19% की बढ़ोतरी दर्ज की गई
- इन सकारात्मक परिणामों की वजह से शेयरों में ~8.4% की तेजी, यानी ₹143.5 तक रिकवरी हुई
4. बाजार कूप्लिंग: IEX के लिए चुनौती
- IEX वर्तमान में भारतीय बिजली स्पॉट मार्केट में बहुमत का दबदबा रखता है (लगभग 90% बाजार हिस्सेदारी DAM में)
- कूप्लिंग लागू होने पर छोटे प्लेटफॉर्म्स जैसे PXIL, HPX आदि को भी मूल्यनिर्धारण और व्यापार मिल सकता है, जिससे IEX की pricing power और trade volumes प्रभावित हो सकते हैं
- कुछ विश्लेषकों की मानें तो IEX की कमाई में FY27 तक 25–40% तक कटौती संभव है, यदि कूप्लिंग RTM जैसे अन्य मार्केट सेगमेंट्स में भी लागू हो गई
5. PTC India को लाभ
- कूप्लिंग की घोषणा के बाद PTC इंडिया के शेयरों में ~8.8% की तेजी देखी गई, क्योंकि इस व्यवस्था के तहत PTC जैसे traders का महत्व बढ़ सकता है
6. निवेशकों के लिए क्या सलाह
- एनालिस्ट सुझाव दे रहे हैं कि फिलहाल IEX शेयरों में अस्थिरता बनी रहेगी, इसलिए नए निवेशों से बचें और मौजूदा होल्डिंग्स की समीक्षा करें
- आधारभूत रूप से, Regulatory clarity और कूप्लिंग रोल‑आउट की गति तय करेगी कि IEX की स्थिति कितनी स्थायी है।
📅 संक्षिप्त समयरेखा
तिथि | घटना |
---|---|
23 जुलाई 2025 | CERC ने market coupling की घोषणा की, जनवरी 2026 प्रारंभ लक्ष्य |
24 जुलाई 2025 | IEX शेयरों में ~28–30% गिरावट, F&O ban लागू |
24 जुलाई (शाम) | Q1 FY26 के वित्तीय नतीजे: 25% YoY net profit वृद्धि |
25 जुलाई 2025 | शेयरों में ~8% की रिकवरी, IEX फिर से नजर आए बहस में |
✍️ निष्कर्ष
भारत में मार्केट कूप्लिंग का कदम बिजली व्यापार प्रणाली में बड़ी क्रांति लाने की स्थिति रखता है। यह मूल्य समानता, साझा क्लियरेंस, और दक्षता बढ़ा सकता है, लेकिन मौजूदा प्रमुख खिलाड़ी जैसे IEX को अपनी स्थायी बाजार हिस्सेदारी और राजस्व मॉडल पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।
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