Brokerage firm has given a strong target for radico khaitan: रेडिको खेतान (Radico Khaitan) भारतीय शराब बाजार का एक पुराना और भरोसेमंद नाम. यही वजह है कि निवेशकों का भरोसा इस शेयर पर हमेशा रहता है. इसके अलावा, अब तो मोतीलाल ओसवाल जैसी नामी ब्रोकरेज फर्म का भी मानना है कि आने वाले समय में इसके शेयर में 15 प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिल सकता है.
रेडिको खेतान (Radico Khaitan) प्रीमियम शराब बाजार में अपनी पकड़ तेजी से मजबूत कर रहा है. IMFL (Indian Made Foreign Liquor) की Prestige & Above कैटेगरी में इसका 8 फीसदी मार्केट शेयर है. रेडिको खेतान स्टॉक.
Brokerage firm has given a strong target for radico khaitan
अब तक कितना दिया रिटर्न
पिछले 10 वर्षों में इसने निवेशकों को 25 गुना और 5 वर्षों में 8 गुना रिटर्न दिया है. United Spirits, United Breweries और Allied Blenders जैसे दिग्गज प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले रेडिको की परफॉर्मेंस सबसे शानदार रही है.
लग्ज़री और प्रीमियम सेगमेंट में बढ़त
रेडिको खेतान प्रीमियम शराब बाजार में अपनी पकड़ तेजी से मजबूत कर रहा है. IMFL (Indian Made Foreign Liquor) की Prestige & Above कैटेगरी में इसका 8 फीसदी मार्केट शेयर है. खास बात यह है कि इससे जुड़ी वोडका कैटेगरी में कंपनी की हिस्सेदारी 80 फीसदी से ज्यादा है. वहीं P&A Vodka में कुल बाजार हिस्सेदारी अभी केवल 3 फीसदी है, जिससे यह सेगमेंट कंपनी के लिए आने वाले वक्त में डबल-डिजिट ग्रोथ का बड़ा मौका बन सकता है.
ब्रोकरेज की राय, 15 फीसदी का टारगेट
मोतीलाल ओसवाल ने रेडिको खैतान के लिए 7,000 का टारगेट प्राइस रखा है, जो मौजूदा स्तर से करीब 15 फीसदी ऊपर है. उन्होंने कंपनी के FY27 के EPS पर 60x P/E वैल्यूएशन दिया है.
देशभर में बढ़ा रही है मौजूदगी
रेडिको ने अपने रिटेल टचपॉइंट्स की संख्या 75,000 से बढ़ाकर 1 लाख कर दी है. ऑन-प्रिमाइसेस लोकेशन भी 8,000 से 10,000 हो गई हैं. यानी कंपनी अब हर गली-मुहल्ले में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है. इसने Rampur, Ranthambore और Jaisalmer जैसे ब्रांड्स लॉन्च किए हैं, जो इसके लग्जरी पोर्टफोलियो को और मजबूत कर रहे हैं.
मजबूत फाइनेंशियल ग्रोथ
FY19 से FY25 तक रेडिको की कुल रेवेन्यू ग्रोथ CAGR 15 फीसदी रही है. इसमें P&A पोर्टफोलियो ने 20 फीसदी रेवेन्यू CAGR दिया है. FY19 में कंपनी ने 21 मिलियन केस बेचे थे, FY25 में ये बढ़कर 31 मिलियन केस हो गए.
हालांकि, ग्लास और ENA की कीमतें बढ़ने से मार्जिन 17 फीसदी से गिरकर 14 फीसदी रह गया है, लेकिन कंपनी अब इनहाउस प्रोडक्शन पर ध्यान दे रही है जिससे भविष्य में मार्जिन बेहतर होने की उम्मीद है.
नीतियों से मिल रही राहत
उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कंपनी की रेवेन्यू हिस्सेदारी बढ़ी है. खासकर आंध्र प्रदेश में Q4FY25 में इसका मार्केट शेयर 10 फीसदी से बढ़कर 23 फीसदी पहुंच गया.
वहीं इंडिया-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से इसे बड़ा फायदा मिलेगा. इससे Whisky और Gin जैसी विदेशी स्पिरिट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी 150 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी और अगले 10 सालों में 40 फीसदी तक कर दी जाएगी. इससे रेडिको की प्रीमियम ब्रांड्स जैसे Ranthambore, Sangam और After Dark की लागत घटेगी. FY26 में कंपनी करीब 2,500 मिलियन रुपये की स्पिरिट्स इम्पोर्ट करेगी, जिस पर 750 मिलियन रुपये की बचत होगी.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. Newsjagran.in की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
Also Read;