Boycott Turkiye and Azerbaijan : व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि यात्रा बहिष्कार का तुर्किए और अजरबैजान की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है.
पाकिस्तान के बाद अब इस देश के खिलाफ फूटा भारतीय का जरबदस्त गुस्सा, करोड़ों का कर दिया नुकसान
Boycott Turkiye and Azerbaijan

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का साथ देना उसके दोस्त तुर्किए को अब काफी महंगा पड़ रहा है. तुर्किए ने जिस तरह से पाकिस्तान को खुला समर्थन दिया है, उसके बाद से भारतीयों का गुस्सा अब जबरदस्त तरीके से फूट रहा है. भारत के लोग अब न सिर्फ तुर्किए के सामानों का बायकॉट कर रहे हैं बल्कि वहां जाने से परहेज भी कर रहे हैं. वहां के पर्यटन से भी किनारा करने का आह्वान कर रहे हैं.
तुर्किए बॉयकाट की अपील लोग ऐसे वक्त पर कर रहे हैं जब रिकॉर्ड संख्या में भारतीय पर्यटक वहां पर जा रहे थे. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2009 में तुर्किए जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 55,000 थी, जो 10 साल बाद 2019 में 2,30,131 हो गई. इसके बाद पिछले साल 2024 में ये सख्या और बढ़कर 3,30,985 हो गई थी.
पिछले साल यानी 2024 के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो तुर्किए में करीब 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक गए थे. इनमें से 3 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटक थे. इनका पर्यटन से कमाई में 61.1 बिलियन डॉलर का योगदान है. सिर्फ भारत के टूरिस्ट ही 291.6 मिलियन डॉलर खर्च करते हैं. ऐसे में भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार करने से तुर्की को बड़ा आर्थिक तौर पर नुकसान हो सकता है.
तुर्किए को भारी नुकसान
व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव और चांदनी चौक लोकसभा सीट से सांसद प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि यात्रा बहिष्कार का तुर्की और अजरबैजान की इकोनॉमी पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है. खासकर वहां के टूरिज्म सेक्टर को नुकसान पहुंचेगा.
खंडेलवाल ने अजरबैजान में भारतीय टूरिस्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि साल 2024 में करीब 2.6 मिलियन टूरिस्ट गए थे, जिनमें से ढाई लाख भारत के थे. ये टूरिस्ट पर्यटकों के तौर पर 308.6 मिलियन डॉलर खर्च कर वहां की इकोनॉमी में योगदान देते हैं. ऐसे में भारतीय टूरिस्ट के बहिष्कार से बड़ा नुकसान हो सकता है.
पाक का साथ पड़ा महंगा

भारत में तुर्किए विरोध की अपील को देखते हुए बुकिंग फर्मों ने बुकिंग पर अस्थाई रुप से रोक लगा दी है. तुर्किए के बायकॉट का विरोध किस कदर बढ़ चुका है इसका एक संकेत मेक माय ट्रिप की प्रवक्ता तनुप्रिया चौधरी की उन बातों से भी समझा जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले एक हफ्ते के दौरान अजरबैजान और तुर्किए के लिए पैसेंजर्स की बुकिंग में 60 प्रतिशत की कमी आयी है, जबकि टिकट कैंसिल कराने वालों में 250 प्रतिशत का भारी इजाफा हुआ है.
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