बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो कन्या भ्रूण हत्या रोकने, शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है। जानें योजना के उद्देश्य, हालिया अपडेट और राज्य स्तरीय प्रयास।
📌 परिचय
भारत में लंबे समय से लिंग अनुपात की विषमता एक चिंता का विषय रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, बालिकाओं को शिक्षा दिलाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
🎯 योजना के मुख्य उद्देश्य
- लिंगानुपात में सुधार
- बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना
- महिलाओं को सशक्त बनाना
- जागरूकता अभियान के माध्यम से सामाजिक सोच में बदलाव
🆕 नवीनतम अपडेट (अगस्त 2025)
✅ हरियाणा में ट्रांसजेंडर समुदाय की भागीदारी
हरियाणा सरकार ने बेटी के जन्म पर बधाई देने के लिए ट्रांसजेंडर समुदाय को शामिल किया है। अब ट्रांसजेंडर प्रतिनिधि बालिका जन्म पर ₹21,000 का प्रमाणपत्र सौंपते हैं और ₹1,100 का पुरस्कार भी देते हैं। इससे समाज में बेटियों की स्वीकार्यता बढ़ रही है।
🌱 मिजोरम में पर्यावरण और बेटियों के लिए अभियान
राज्यपाल ने मिजोरम में पेड़ारोपण अभियान चलाकर बेटियों की शिक्षा व संरक्षण के साथ पर्यावरण की रक्षा का संदेश दिया। यह कदम BBBP अभियान को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से जोड़ता है।
🏛️ राज्य सरकारों की पहल
राज्य | पहल |
---|---|
हरियाणा | ट्रांसजेंडर समुदाय को शामिल कर उत्सव मनाना |
मिजोरम | बेटियों के सम्मान में पेड़ारोपण अभियान |
उत्तर प्रदेश | स्कूलों में बालिकाओं के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम |
राजस्थान | बेटी जन्म पर नकद प्रोत्साहन और सर्टिफिकेट |
📚 बेटियों की शिक्षा में हुआ सुधार
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में बालिका साक्षरता दर में 12% की वृद्धि हुई है। कई राज्यों में अब लड़कियाँ लड़कों से बेहतर परीक्षा परिणाम ला रही हैं।
🧠 BBBP योजना के अंतर्गत चलाए जा रहे कार्यक्रम
- स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता शिविर
- ‘सेल्फी विद डॉटर’ जैसे सोशल मीडिया अभियान
- अंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से मॉनिटरिंग
- स्थानीय पंचायतों को सशक्त करना
✅ योजना का प्रभाव
- 100 से अधिक जिलों में लिंग अनुपात में सुधार
- बाल विवाह की घटनाओं में कमी
- लड़कियों की स्कूल में उपस्थिति में वृद्धि
- बेटियों के जन्म का समाज में स्वागत
📌 निष्कर्ष
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाने का आंदोलन है। बेटियों को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान दिलाने में यह एक अहम भूमिका निभा रही है। अब समय है कि हर नागरिक इसमें भागीदार बने।
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