कोरोना महामारी के दौरान सरकारी कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को मिलने वाला DA (Dearness Allowance) और DR (Dearness Relief)—यानी महंगाई भत्ता और पेंशन भत्ता के तीन किस्तों को सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक रोक दिया था। इस ठहराव के बारे में अब फाइनेंस मंत्रालय ने संसद में विस्तृत जानकारी दी है।
फाइनेंस मंत्रालय का क्या कहना है?
- यह निर्णय COVID-19 के समय वित्तीय दबाव को कम करने हेतु लिया गया था।
- DA/DR की रोक वित्त वर्ष 2020–21 से भी आगे चली गई, जिसके कारण 18 महीनों की बकाया राशि जारी करना संभव नहीं रहा।
- वित्त मंत्रालय ने संकेत दिया कि मौजूदा बजट में इस बकाया राशि का कोई प्रावधान नहीं है।
- संसद में यह भी बताया गया कि मात्रात्मक वित्तीय स्थिति सुधरी है: वित्त वर्ष 2020-21 में 9.2% रहा आर्थिक घाटा (Fiscal Deficit) अब घटकर वर्ष 2025-26 के अनुमानित 4.4% पर आ गया है।
सारांश
प्रश्न | सरकार की प्रतिक्रिया |
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क्या 18 महीनों के DA/DR की बकाया राशि देनी है? | नहीं, बजट एवं वित्तीय दबाव की वजह से संभव नहीं। |
फ्रीज़ की वजह क्या थी? | COVID-19 के दौरान आर्थिक अनिश्चितता और वित्तीय तनाव। |
वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है? | हाँ, वित्तीय घाटा घटकर लगभग आधे पर पहुँच गया है। |
निष्कर्ष
हालांकि सांसदों द्वारा बार-बार उठाये गए सवालों की समीक्षा के बाद मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वर्तमान आर्थिक-नियंत्रण के चलते 18 महीने के DA/DR की बकाया राशि जारी नहीं की जाएगी। यह स्थिति तब और स्पष्ट होती है जब देखते हैं कि देश का वित्तीय घाटा COVID के बाद कम होने समेत सुधर रहा है।
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