गुरुग्राम के पास स्थित सोहना का शिव मंदिर अपने गरम पानी के कुंड और प्राचीन शिवलिंग के चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। जानिए इस मंदिर का इतिहास, स्नान का महत्व और यात्रा से जुड़ी जरूरी जानकारी।
Contents
🕉️ सोहना का पौराणिक शिव मंदिर – शिव कुंड
📌 प्रमुख आकर्षण
- प्राकृतिक गरम जल स्त्रोत (शिव कुंड): मिट्टी के 55 फीट गहरे कुंड से निकलते सल्फर युक्त गर्म पानी के कारण यह स्थल विशेष माना जाता है। त्वचा संबंधी बीमारियों के लिए लाभकारी माना जाता है
- इतिहास और कल्पक कथा: यह लगभग 500 साल पुराना मंदिर है, जिसे महाराजा ऑफ ग्वालियर द्वारा फिर से निर्मित कराया गया था। रुस्तम-ए-आकबरी जैसे ऐतिहासिक ग्रंथों में इसका जिक्र मिलता है।
📐 वास्तुकला और देवी-पूजन

- शिवलिंग का चमत्कार: सुबह यह बालक, दोपहर में युवक और शाम को ध्यान मुद्रा में बैठे वृद्ध का रूप ग्रहण करता है — इस चमत्कारिक रूपांतर की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं।
- वास्तु सुंदरता: मंदिर उत्तर-भारतीय नागर शैली में बना है, जिसमें ठंडे मौसम में पुण्य स्नान के लिए विशेष व्यवस्था है
🕰️ यात्रा की जानकारी
- समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 8:00–9:00 बजे तक।
- कैसे पहुंचें:
- दिल्ली से NH‑248A द्वारा लगभग 50 किमी
- गुरुग्राम से Sohna रोड (SH‑13), बस या टैक्सी द्वारा ≈ 25 किमी
- निकटतम स्थल: बाबासखाम बाबा कुंड, सोहना झील, सोहना हिल फोर्ट, कार रैली क्षेत्र।
🎉 धार्मिक महोत्सव
- शिवरात्रि, सावन, फागुन, सोमवती अमावस्या: इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है और विशेष ‘गंगा स्नान मेला’ आयोजित होता है। कुंड में स्नान करने से मनोकामना पूरी होने की मान्यता है।
✅ सुझाव और टिप्स

- सर्दियों (सितंबर से फरवरी) का समय दर्शन और स्नान के लिए उपयुक्त है
- प्रवेश नियम: मंदिर परिसर में साफ कपड़े पहनें; शॉर्ट्स, स्लीवलैस ड्रेस की अनुमति नहीं है।
- आरती का समय: सुबह और शाम में कुंड स्नान के बाद भक्तिग्रस्त आरती होती है; आसपास के इलाकों में हल्के भोजन की सुविधा उपलब्ध है।
🌟 क्यों है यह मंदिर खास?
- प्राकृतिक गरम पानी और आध्यात्मिक अनुभव – स्वास्थ्य लाभ और धार्मिक शांति दोनों हैं।
- प्राचीन वास्तुकला और कहानी, साथ ही शिवलिंग का “जीवन चक्र” वाला रूप।
- धार्मिकता और पर्यटन—दोनों के लिए उपयुक्त, राज्य सरकार भी इसे बढ़ावा देती है।
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