प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों के बीच कुछ सामान्य प्रश्न और भ्रांतियाँ प्रचलित हैं। यहाँ 2025 के ताज़ा अपडेट्स के आधार पर इनका स्पष्टीकरण प्रस्तुत है:
❓ सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर
- किसे लाभ मिलेगा?
- ऋणी और गैर-ऋणी सभी किसान पात्र हैं। ऋणी किसानों के प्रीमियम बैंक से कटते हैं, जबकि गैर-ऋणी किसानों को CSC या बैंक के माध्यम से आवेदन करना होता है।
- किसी फसल का बीमा कब तक कराना होगा?
- खरीफ फसलों के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि 14 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी गई है।
- किसान को कितना प्रीमियम देना होगा?
- खरीफ फसलों के लिए 2%, रबी के लिए 1.5% और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम किसान को देना होता है। शेष प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकार वहन करती हैं।
- किसान को मुआवजा कैसे मिलेगा?
- मुआवजा सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
- किसान को कौन से दस्तावेज़ चाहिए?
- आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि रिकॉर्ड और फसल परिवर्तन की जानकारी आवश्यक हैं।
⚠️ सामान्य भ्रांतियाँ और उनका समाधान
- “बीमा लेने से फसल का नुकसान बढ़ता है”
- यह गलत है। बीमा प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता है।
- “बीमा के लिए आवेदन करना कठिन है”
- नहीं, आवेदन प्रक्रिया सरल है और ऑनलाइन माध्यम से भी किया जा सकता है।
- “मुआवजा मिलने में बहुत समय लगता है”
- सरकार ने दावा निपटान प्रक्रिया को तेज किया है और देरी पर पेनल्टी का प्रावधान है।
- “बीमा केवल ऋणी किसानों के लिए है”
- नहीं, गैर-ऋणी किसान भी योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- “बीमा केवल कुछ फसलों के लिए है”
- नहीं, अधिसूचित फसलों के लिए बीमा उपलब्ध है।
📈 योजना की सफलता
- 2024-25 तक, 78.4 करोड़ किसान आवेदनों का बीमा किया गया है, जिनमें से 22.6 करोड़ किसानों को ₹1.83 लाख करोड़ का मुआवजा मिला है।
- महाराष्ट्र में 2016-24 के बीच 12.8 करोड़ किसानों ने आवेदन किया, लेकिन केवल 6.2 करोड़ को मुआवजा मिला, जो कि प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति और फसल पैदावार पर निर्भर करता है।
यदि आप दिल्ली में हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी बैंक, CSC केंद्र या राज्य कृषि विभाग से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।
Also Read;