Packaging और Labeling के Digital Guidelines 2025 किसानों और FPOs को QR Code, Smart Packaging और Traceability से ब्रांड बनाने में मदद करेंगे। जानें पूरी जानकारी।
भारत में कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री और ब्रांडिंग तेज़ी से बढ़ रही है। ऐसे में Packaging (पैकेजिंग) और Labeling (लेबलिंग) सिर्फ़ उत्पाद को सुरक्षित रखने का साधन नहीं रहे, बल्कि यह उपभोक्ता का भरोसा जीतने और ब्रांड पहचान बनाने का सबसे अहम टूल बन चुके हैं।
साल 2025 के लिए सरकार और मार्केट के Digital Guidelines किसानों और FPOs को स्पष्ट दिशा देते हैं कि किस तरह पैकेजिंग और लेबलिंग को डिजिटल स्टैंडर्ड्स से जोड़ना है।
1. पैकेजिंग (Packaging) के नए डिजिटल मानक

✅ Eco-friendly Material: 2025 में बायोडिग्रेडेबल और recyclable पैकेजिंग को प्राथमिकता दी जा रही है।
✅ QR Code Integration: हर पैकेज पर QR Code अनिवार्य हो रहा है ताकि उपभोक्ता स्कैन करके उत्पाद की जानकारी देख सके।
✅ Tamper-proof Seal: पैकेजिंग में सुरक्षा सील ताकि उपभोक्ता को असली उत्पाद ही मिले।
✅ Smart Packaging: सेंसर आधारित पैकेजिंग जिसमें उत्पाद का ताज़गी स्तर और तापमान जानकारी दी जा सकती है।
2. लेबलिंग (Labeling) के डिजिटल गाइडलाइंस

📌 उत्पाद विवरण: नाम, वजन, उत्पादन तिथि और समाप्ति तिथि साफ़ लिखना आवश्यक।
📌 Digital Traceability Info: लेबल पर QR Code के जरिए किसान का नाम, खेत का स्थान, खेती की प्रक्रिया (Organic/Conventional) और सप्लाई चैन ट्रैकिंग जानकारी।
📌 Nutritional Info: फलों, सब्ज़ियों और प्रोसेस्ड उत्पादों में पोषण संबंधी जानकारी।
📌 FSSAI और Govt Compliance: हर कृषि पैक पर FSSAI License Number और Digital Certification Mark।
📌 Multi-Language Labels: हिंदी + स्थानीय भाषा + अंग्रेज़ी ताकि ग्राहक आसानी से पढ़ सके।
3. किसानों और FPOs के लिए फायदे

🌾 Direct Branding: पैकेजिंग और लेबलिंग से किसान अपने उत्पाद को “लोकल से ग्लोबल ब्रांड” बना सकते हैं।
🌾 Trust Building: ग्राहक QR Code से ट्रेस करके भरोसा कर सकता है।
🌾 Market Access: Export और E-commerce प्लेटफ़ॉर्म (Amazon, Flipkart, ONDC, Shopify) पर लिस्टिंग आसान होती है।
🌾 Government Benefits: सही पैकेजिंग-लेबलिंग से किसान को Subsidy और Certification का फायदा।
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4. Digital Tools & Platforms for 2025
- AgriTrace Apps – फसल ट्रैकिंग और QR कोड जनरेट करने के लिए।

- SmartLabel Software – Nutritional और Compliance Label Auto-Design।

- ONDC Integration – E-commerce पर Digital Packaging Approval System।

- Blockchain Traceability – Supply Chain का पूरा डेटा लेबल से जुड़ा हुआ।

निष्कर्ष
2025 में किसानों और FPOs के लिए Packaging और Labeling केवल कानूनी ज़रूरत नहीं बल्कि डिजिटल ब्रांडिंग और मार्केटिंग की रीढ़ है। सही पैकेजिंग और लेबलिंग से किसान न सिर्फ़ भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकते हैं।
FAQ – Packaging और Labeling के Digital Guidelines 2025
Q1. 2025 में कृषि उत्पादों की पैकेजिंग के लिए कौन से नए नियम हैं?
A1. 2025 में Eco-friendly पैकेजिंग, QR Code, Tamper-proof seal और Smart Packaging को प्राथमिकता दी गई है।
Q2. लेबलिंग में किसानों को क्या-क्या लिखना अनिवार्य है?
A2. उत्पाद का नाम, वजन, उत्पादन/समाप्ति तिथि, Nutritional info, FSSAI license और QR Code जरूरी हैं।
Q3. QR Code पैकेजिंग और लेबलिंग में क्यों ज़रूरी है?
A3. QR Code से उपभोक्ता फसल की ट्रेसिबिलिटी, किसान की जानकारी और Supply Chain का पूरा डेटा देख सकता है।
Q4. क्या Multi-language Labeling अनिवार्य है?
A4. हाँ, अब हिंदी, स्थानीय भाषा और अंग्रेज़ी में Labeling का चलन बढ़ रहा है ताकि उपभोक्ता आसानी से समझ सके।
Q5. सही पैकेजिंग और लेबलिंग से किसान को क्या फायदा होगा?
A5. इससे किसान को Export Market तक पहुँच, Brand Identity, सरकारी सब्सिडी और ग्राहकों का भरोसा मिलेगा।
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