भारत में मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को लेकर पहले से जागरूकता बढ़ी है, लेकिन बीमा कंपनियाँ मानसिक स्वास्थ्य को सामान्य बीमारियों की तरह शामिल करने में अभी भी पीछे हैं।
IRDAI और विधिक नियमन
- Mental Healthcare Act 2017 के तहत, मानसिक स्वास्थ्य ‘फिजिकल बीमारी’ की तरह बीमा योजनाओं में शामिल किया जाना अनिवार्य है
 - IRDAI ने अक्टूबर 2022 से सभी स्वास्थ्य बीमा प्रदाताओं को मानसिक बीमारी को कवरेज में शामिल करने का निर्देश दिया है
 
कवरेज में सुधार और असलियत
- कई योजनाएँ केवल इन-पेशेंट (hospitalization) इलाज को कवर करती हैं; आउट-पेशेंट थेरेपी और परामर्श (OPD) एक्सक्लूडेड होता है
 - Insurance sector सुधारों के बावजूद, कुल बीमा क्लेम्स का केवल <1% मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है, जो जागरूकता और कवरेज में कमी को दर्शाता है
 
हाल की प्रवृत्तियाँ (2025 डेटा)

- Mental Health Insurance खोजों में 41% की वृद्धि; 30-50% तक क्लेम्स में इज़ाफा—विशेषकर चिंता, अवसाद और कार्यस्थल तनाव के मामले हैं
 - Sukoon Health ने पांच बीमा कंपनियों के साथ मिलकर psychiatric inpatient care में कैशलेस कवरेज का समझौता किया है, जिसमें कई मानसिक विकार शामिल हैं
 
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सामुदायिक बीमा पहल: Ayushman Bharat

- Ayushman Bharat (PM-JAY) तहत मानसिक स्वास्थ्य संबंधी 22 इं-पेशेंट उपचारों का कैशलेस कवरेज दिया जा रहा है—जैसे कि स्किजोफ्रेनिया, ऑटिज़्म, चिंतात्मक विकार आदि
 
मुख्य चुनौतियाँ
- OPD थेरपी का सीमित कवरेज (केवल 17% लाभार्थियों को उपलब्ध)
 - कम जागरूकता: 42% लोगों को उनकी मानसिक स्वास्थ्य कवरेज के बारे में जानकारी नहीं है
 - स्टिग्मा और नेटवर्क सीमाएँ: ऑफिसवर्क में मानसिक स्वास्थ्य का खुलकर उल्लेख करना अभी भी चुनौतीपूर्ण है
 
सारांश तालिका
| पहलू | स्थिति | 
|---|---|
| कानून / नियम | Mental Healthcare Act 2017 और IRDAI निर्देश | 
| OPD कवरेज | सीमित, अधिकांश योजनाएँ केवल हॉस्पिटलाईज़ेशन को कवर करती हैं | 
| बीमा क्लेम की दर | कुल क्लेम्स में <1% मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े हैं | 
| सुधार और मांग | 41% की बढ़ोतरी बीमा खोज में; Sukoon Health का स्टेप | 
| सरकारी कवरेज (PM-JAY) | 22 मानसिक संबंधी उपचार कैशलेस उपलब्ध | 
निष्कर्ष

2025 में भारत में मानसिक स्वास्थ्य बीमा कवरेज में सुधार देखा जा रहा है—मगर यह असंगत और अधूरा है। OPD कवरेज बढ़ाना, जागरूकता फैलाना और कंपनियों को नियमों का पूरा पालन करना ज़रूरी है ताकि मानसिक स्वास्थ्य इलाज सचमुच सुलभ और प्रभावकारी हो।
❓ FAQ – Insurance Coverage for Mental Health in India 2025
Q1. क्या भारत में मानसिक स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य है?
हाँ, Mental Healthcare Act 2017 और IRDAI के निर्देश के बाद सभी बीमा कंपनियों को मानसिक स्वास्थ्य कवरेज देना ज़रूरी है।
Q2. क्या सभी बीमा योजनाएँ थेरेपी और काउंसलिंग को कवर करती हैं?
नहीं, ज़्यादातर योजनाएँ केवल हॉस्पिटलाइजेशन (In-patient) को कवर करती हैं। OPD थेरपी और काउंसलिंग सीमित रूप से कवर होती हैं।
Q3. क्या सरकारी बीमा योजनाओं में मानसिक स्वास्थ्य शामिल है?
हाँ, Ayushman Bharat (PM-JAY) में 22 मानसिक स्वास्थ्य उपचारों को कैशलेस कवर किया गया है।
Q4. मानसिक स्वास्थ्य बीमा क्लेम्स की स्थिति भारत में कैसी है?
2025 तक, कुल हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम्स में से 1% से भी कम मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े हैं, जो जागरूकता और कवरेज की कमी दर्शाता है।
Q5. क्या आने वाले समय में मानसिक स्वास्थ्य बीमा कवरेज बढ़ेगा?
हाँ, बीमा कंपनियाँ धीरे-धीरे OPD, काउंसलिंग और डिजिटल थेरपी को कवर करने लगी हैं। Sukoon Health जैसी पहलें इस बदलाव को तेज़ कर रही हैं।
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