भारत का ऊर्जा क्षेत्र तेजी से बदल रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) में निवेश, सरकारी नीतियाँ, और तकनीकी विकास देश को 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करने में मदद कर रहे हैं। इस ब्लॉग में हम 2025 के नवीनतम नियामक अपडेट (Regulatory Updates) और नीतिगत बदलाव (Policy Changes) पर विस्तृत जानकारी देंगे।
⚡ नियामक अपडेट (Regulatory Updates 2025)

1. कोल प्लांट में बैटरी स्टोरेज का एकीकरण
भारत में बढ़ती सौर ऊर्जा उत्पादन के कारण ग्रिड स्थिरता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
- केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) ने बैटरी स्टोरेज सिस्टम को कोल-प्लांट में शामिल करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
- एनटीपीसी ने 11 कोल प्लांट्स में 1.7 GW बैटरी स्टोरेज की टेंडर प्रक्रिया शुरू की है।
2. मिनिमम लोड ऑपरेशन पर विचार
एनटीपीसी ने कोल-प्लांट के न्यूनतम तकनीकी संचालन स्तर को 40% तक कम करने के प्रस्ताव पर चिंता जताई है।
- कंपनी का कहना है कि 55% न्यूनतम स्तर बनाए रखना बेहतर है ताकि उपकरण की उम्र प्रभावित न हो।
3. बिजली नियमों में संशोधन
- ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को अब पावर सिस्टम का हिस्सा माना जाएगा।
- इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स के लिए बिडिंग प्रक्रिया में वैकल्पिक सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया है।
4. केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा प्राइसिंग पूल का समाप्त होना
- सरकार ने केंद्रीय रिन्यूएबल एनर्जी प्राइसिंग पूल को समाप्त कर दिया है।
- इससे पावर खरीद समझौते (PPAs) तेज़ी से पूरे किए जा सकेंगे और नई परियोजनाओं को तेजी से लागू किया जा सकेगा।
🌱 नवीकरणीय ऊर्जा नीति में बदलाव (Policy Changes 2025)
1. प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana)

- इस योजना का लक्ष्य 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाना है।
- लाभार्थियों को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली और बैंकों से अनुदानित ऋण मिलेगा।
2. बजट आवंटन में वृद्धि
- 2025–26 के केंद्रीय बजट में नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के लिए 2,65,490 करोड़ INR का आवंटन किया गया है।
- पीएम सूर्य घर योजना को 2,00,000 करोड़ INR मिले हैं, जो सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
3. Renewable Energy Implementing Agencies (REIAs) का लक्ष्य
- REIAs को हर वर्ष 50 GW की टेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है।
- इसमें सोलर, हाइब्रिड, विंड और 24×7 रिन्यूएबल ऊर्जा प्रोजेक्ट शामिल हैं।
Also Read;
कॉर्पोरेट ग्रीन इनिशिएटिव्स और ESG रिपोर्टिंग – 2025 का नया बिज़नेस मॉडल
📊 क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ
- नवीकरणीय ऊर्जा वृद्धि: FY 2024–25 में भारत ने 29.52 GW रिन्यूएबल ऊर्जा जोड़ी, कुल क्षमता 220.10 GW हुई।
- कोयला आधारित ऊर्जा: ऊर्जा सुरक्षा के लिए भारत 2035 तक कोल क्षमता 307 GW तक बढ़ाएगा।
- सोलर पैनल आपूर्ति: अमेरिका में उच्च टैरिफ और संभावित एंटी-डंपिंग ड्यूटी के कारण भारत में सोलर पैनल की आपूर्ति में बढ़ोतरी और प्रोजेक्ट बोली में धीमी गति।
🔍 निष्कर्ष

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा नीति लगातार विकसित हो रही है। नई नीतियाँ और नियामक अपडेट न केवल ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ा रहे हैं बल्कि हर घर तक स्वच्छ और किफायती ऊर्जा पहुँचाने में मदद कर रहे हैं।
2025 में, बैटरी स्टोरेज, सौर ऊर्जा, और सरकारी योजनाएँ देश की ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता को मजबूत कर रही हैं।
🔹 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना क्या है?
यह योजना 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाने और प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। लाभार्थियों को बैंक ऋण और सब्सिडी भी मिलती है।
2. भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का वर्तमान स्थिति क्या है?
FY 2024–25 में भारत ने 29.52 GW नवीकरणीय ऊर्जा जोड़कर कुल 220.10 GW क्षमता हासिल की है। 2030 तक भारत का लक्ष्य 500 GW गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है।
3. बैटरी स्टोरेज को कोल-प्लांट में क्यों जोड़ा जा रहा है?
सौर और विंड ऊर्जा उत्पादन में उतार-चढ़ाव को संतुलित करने और ग्रिड की स्थिरता बनाए रखने के लिए बैटरी स्टोरेज का एकीकरण किया जा रहा है।
4. केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा प्राइसिंग पूल का समाप्त होने का असर क्या होगा?
इस कदम से पावर खरीद समझौते (PPAs) तेज़ी से पूरे होंगे और नई रिन्यूएबल ऊर्जा परियोजनाओं को जल्दी लागू किया जा सकेगा।
5. Renewable Energy Implementing Agencies (REIAs) का क्या लक्ष्य है?
REIAs को हर साल 50 GW की टेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है, जिससे सोलर, विंड, हाइब्रिड और 24×7 नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट तेजी से विकसित हो सकें।
6. भारत में कोयला आधारित ऊर्जा की भूमिका क्या है?
भारत ऊर्जा सुरक्षा के लिए कोयला आधारित बिजली उत्पादन को 2035 तक 307 GW तक बढ़ाने की योजना बना रहा है, ताकि नवीकरणीय ऊर्जा में उतार-चढ़ाव के दौरान ग्रिड सपोर्ट उपलब्ध हो।
7. सौर पैनल आपूर्ति पर अमेरिकी टैरिफ का क्या प्रभाव है?
अमेरिका में उच्च टैरिफ और संभावित एंटी-डंपिंग ड्यूटी के कारण भारत में सोलर पैनल की आपूर्ति बढ़ सकती है, जिससे प्रोजेक्ट बोली धीमी हो सकती है।
Also Read;