PM Awas Yojana 2025 का ऑनलाइन आवेदन और नए नियम जानें। PMAY-U 2.0 और PMAY-Gramin में सुधार, आवेदन प्रक्रिया, समयसीमा विस्तार और ई-पत्रक प्रक्रिया सहित सभी अपडेट।
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प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) – जिसमें PMAY-Urban (PMAY-U 2.0) और PMAY-Gramin (PMAY-G) शामिल हैं – भारत सरकार की “Housing for All” पहल का प्रमुख हिस्सा हैं। 2025 में इन योजनाओं में कई महत्वपूर्ण अपडेट हुए हैं, जैसे आवेदन प्रक्रिया में सुधार, पात्रता बढ़ाना और समय सीमा का विस्तार।
ऑनलाइन आवेदन की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
PMAY (Urban) – PMAY-U 2.0
- आधिकारिक पोर्टल (pmaymis.gov.in) पर जाएँ।
- “Apply for PMAY-U 2.0” ऑप्शन चुनें।
- Citizen Assessment में अपनी श्रेणी चुनें (EWS, LIG, MIG I, MIG II)।
- आधार विवरण सत्यापित करें।
- व्यक्तिगत, बैंक और आय संबंधित जानकारी भरें, दस्तावेज़ अपलोड करें।
- कैप्चा भरकर आवेदन सबमिट करें और हार्ड कॉपी प्रिंट करें।
- आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक करें। PMAY-MIS
PMAY (Gramin)
- AwaasPlus मोबाइल ऐप या PMAY-G वेबसाइट से आवेदन करें।
- आधार से लॉगिन करें, पात्रता जाँचें, आवेदन फ़ॉर्म भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आवेदन की ट्रैकिंग की सुविधा उपलब्ध है।
- नई Awaas+ सर्वे (2025) द्वारा अधिक ग्रामीण परिवार शामिल किए जा रहे हैं।
2025 के नए नियम और अपडेट
- समाप्ति तिथि बढ़ा दी गई – PMAY-U के अंतर्गत मंजूर घरों की निर्माण समय सीमा अब 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई है।
- PMAY-G विस्तार – 2025–26 में उत्तर प्रदेश में 60 लाख से अधिक ग्रामीण घरों का निर्माण लक्ष्य रखा गया है। नई सर्वे प्रक्रिया और Geo-tagging भी शामिल है।
- ओडिशा में SOP जारी – घर वितरण प्रक्रिया को और पारदर्शिता व प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत संचालन प्रकिया निर्धारित की गई है।
FAQs
प्रश्न | उत्तर |
---|---|
कौन आवेदन कर सकता है? | EWS/LIG/MIG वर्ग, जिनके पास किसी भी हिस्से में pucca घर नहीं है। PMAY-G में आय सीमा ₹15 लाख तक बढ़ाई गई है। |
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? | PMAY-U: pmaymis.gov.in → आवेदन भरें; PMAY-G: AwaasPlus ऐप/वेबसाइट। |
क्या समय सीमा बढ़ाई गई है? | हाँ, PMAY-U की समाप्ति तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई है। |
उत्तर प्रदेश में क्या नया है? | 2025–26 में 60 लाख घरों का निर्माण, व्यापक सर्वे और Geo-tagging के साथ। |
ओडिशा की SOP में क्या है? | पात्रता, चयन प्रक्रिया और बैंक लोन जैसे नियमों द्वारा आवास वितरण को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। |
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