भारत सरकार ने 12 अगस्त 2025 को चार नए सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्रों की स्थापना को मंजूरी दी है, जिनका कुल निवेश ₹4,594 करोड़ है। यह कदम ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के तहत घरेलू चिप निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
🏭 नए संयंत्रों का विवरण
- उड़ीसा (भुवनेश्वर):
- SiCSem Pvt Ltd: यह संयंत्र ₹2,066 करोड़ के निवेश से स्थापित होगा और इसका उद्देश्य सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) आधारित चिप्स का उत्पादन करना है। SiC चिप्स उच्च तापमान और दबाव में कार्य करने में सक्षम होते हैं, जो मिसाइल, उपग्रह, टेलीकॉम टावर, रेलवे इंजन, आदि में उपयोगी हैं।
- Heterogeneous Integrated Packaging Solutions Pvt Ltd (HIPSPL): इंटेल समर्थित यह संयंत्र ₹1,943 करोड़ के निवेश से स्थापित होगा और इसका उद्देश्य 3D ग्लास-आधारित सेमीकंडक्टर पैकेजिंग करना है। यह तकनीक उच्च प्रदर्शन वाले चिप्स के लिए महत्वपूर्ण है।
- आंध्र प्रदेश (विशाखापत्तनम):
- Advanced System in Package (ASIP) Technologies: यह संयंत्र ₹685 करोड़ के निवेश से स्थापित होगा और इसका उद्देश्य उन्नत पैकेजिंग तकनीकों का उपयोग करके चिप्स का उत्पादन करना है।
- पंजाब (मोहाली):
- Continental Device India Ltd (CDIL): यह संयंत्र मौजूदा सुविधा का विस्तार होगा और इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले सेमीकंडक्टर उपकरणों का उत्पादन करना है।
💼 रोजगार सृजन और उत्पादन क्षमता
इन संयंत्रों की स्थापना से लगभग 2,034 कुशल रोजगार सृजित होंगे। उड़ीसा में स्थापित होने वाले संयंत्रों की वार्षिक उत्पादन क्षमता क्रमशः 9.6 करोड़ और 5 करोड़ चिप्स की होगी। इन संयंत्रों से उत्पादित चिप्स का उपयोग रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन, रेलवे, फास्ट चार्जर, डेटा सेंटर, उपभोक्ता उपकरण और सौर पावर इन्वर्टर जैसे क्षेत्रों में होगा।
🔍 समग्र निवेश और भविष्य की दिशा
इन चार नए संयंत्रों के साथ, भारत में सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में कुल निवेश ₹1.6 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो छह राज्यों में फैला हुआ है। सरकार ने इन संयंत्रों के लिए आवश्यक अनुमतियों को शीघ्रता से प्रदान करने का आश्वासन दिया है, जिससे ये संयंत्र 2-3 वर्षों में उत्पादन शुरू कर सकें।
निष्कर्ष:
भारत सरकार की यह पहल घरेलू सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इन संयंत्रों की स्थापना से न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि विभिन्न उद्योगों को उच्च गुणवत्ता वाले चिप्स की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी।
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