जन्माष्टमी 2025 में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। जानें तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और धार्मिक महत्व।
तिथि और समय
- अष्टमी तिथि (Krishna Paksha, Bhadrapada मास) 15 अगस्त 2025 शाम 11:49 बजे शुरू होकर 16 अगस्त 2025 शाम 9:34 बजे समाप्त होगी
- मुख्य उत्सव 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा
पूजा का शुभ मुहूर्त (निषीता पूजा)
- निषीता पूजा मुहूर्त: रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक, लगभग 43 मिनट का यह काल श्री कृष्ण के जन्म के समय से जुड़ा माना जाता है
- विभिन्न शहरों के लिए समय (उदाहरण):
- नई दिल्ली: 12:04 AM – 12:47 AM
- मुंबई: 12:20 AM – 1:05 AM
- गुड़गांव/गुड़ियानों: 12:05 AM – 12:48 AM
व्रत विधि और पारणा (उपवास की समाप्ति)
- व्रत सुबह से मध्यरात्रि तक रखा जाता है, जिसमें फलाहार या निर्जला उपवास शामिल हैं
- पारणा (उपवास समाप्ति) की समय सीमा:
- पारंपरिक धर्मशास्त्रार्थ: 5:51 AM, 17 अगस्त के बाद
- आधुनिक परंपरा के अनुसार: मध्यरात्रि के बाद (निषीता पूजा के तुरंत बाद)
पूजा विधि (स्थानीय स्तर पर)
- घर में पूजा से पहले स्थान को स्वच्छ करें, फिर श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- तुलसी, दूध, माखन (मक्खन), प्रसाद और फूल अर्पित करें।
- मध्यरात्रि को आरती करें, भजन और मंत्रों का उच्चारण करें।
- कई भक्त षोडशोपचार (16 चरणों में पूजा) विधि का पालन करते हैं, जिसमें पूजा के रूप में विशेष चरण शामिल होते हैं जैसे स्मरण, आवाहन, अभिषेक, नवरत्न, दीप, नैवेद्य आदि
सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
तिथि | 16 अगस्त 2025 (रात 12:04 – 12:47) |
अष्टमी तिथि अवधि | 15 अगस्त 11:49 PM – 16 अगस्त 9:34 PM |
निषीता पूजा समय | 12:04 AM – 12:47 AM (16 अगस्त) |
उपवास विधि | सुबह से मध्यरात्रि तक (निर्जला/फलाहार) |
पारणा समय | 05:51 AM (17 अगस्त) या मध्यरात्रि के बाद |
Also Read;
15 अगस्त 2025: भारत के साथ इन देशों ने भी स्वतंत्रता प्राप्त की