पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर की “Mercedes vs Dump Truck” वाली टिप्पणी और फेक प्रोपेगेंडा तस्वीरों पर सोशल मीडिया का तंज़, Times Square तक पहुंचे विरोध और मीम्स की पूरी कहानी पढ़ें।
अजीब तुलना ने की चर्चा का आरंभ
पाकिस्तानी सेना प्रमुख Field Marshal Asim Munir ने हाल ही में एकsprachण में भारत की तुलना “Mercedes” और पाकिस्तान को “dump truck” से की। यह सजीव तुलना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें यूज़र्स ने इसे पाकिस्तान की अपनी गिरती स्थिति का मान्य स्वीकार्य करार दिया।
“मैं यह मोटी तुलना करना चाहता हूँ… भारत एक चमचमाती Mercedes है, हम एक बजरी भरा dump truck हैं। अगर ट्रक कार से टकराया तो कौन होगा loser?” — Munir
यह टिप्पणी कई लोगों ने “स्वीकारोक्ति” का हिस्सा माना, कि भारत हर कसौटी पर बेहतर है और इस तुलना को व्यंग्यात्मक समर्थन मिला।
Times Square और मीम युद्ध का असर
Times Square में Munir की तस्वीरों के साथ “Fraud Marshal” और “Failed Marshal” जैसे bold संदेश वाले बिलबोर्ड्स दिखाए गए, जिसमें लोगों ने उन्हें झूठा बताते हुए polygraph test की मांग की। यह विरोध झुकने की बजाए वायरल हुआ, और पाकिस्तान की तुलना कार्टूनिश तरीके से की गई।
Fake Propaganda का खुलासा
AAPIM नेता Asaduddin Owaisi ने भी इस मामले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी—उन्होंने कहा,
“Nakl karne ke liye akal chahiye… इन नालायकों के पास akal भी नहीं है।”
जबकि Munir ने गढ़ी हुई तस्वीर, जिसमें एक चिनीय ड्रिल को Operation Bunyan की जीत दिखाया गया था, पाकिस्तान के PM को प्रस्तुत की। यह बात सोशल मीडिया पर मज़ाक और आलोचना का विषय बन गई।
ब्लॉकबस्टर विरोध या आलोचना?
- वास्तविकता का सामना: Munir जैसी तुलना और प्रचार के बावजूद, इंटरनेट ने इसे आलोचना की दिशा में मोड़ कर मज़ाकिया बनो दिया।
- प्रतिक्रियात्मक राजनीति: सोशल मीडिया ने Pakistan की राजनीतिक और सैन्य रणनीति पर सवाल उठाए—वास्तविकता की बजाए दिखावे पर ज्यादा जोर।
निष्कर्ष

Asim Munir की “Mercedes vs Dump Truck” वाली टिप्पणी और फेक victory images ने डिजिटल दुनिया में नया मोड़ पैदा कर दिया—जहां स्क्रीन के पीछे का सच उजागर हुआ और उनकी करतूतें आलोचना का केंद्र बनीं। Times Square जैसे सार्वजनिक मंच पर बुलबुले फूटने से यह साबित होता है कि जनता की चुटकी सोशल मीडिया से तेज़ होती है।
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