2025 तक मुद्रा योजना के तहत कुल ₹33.65 लाख करोड़ से अधिक ऋण मंजूर और ₹32.87 लाख करोड़ वितरण हुआ है। Q3 में ₹3.39 लाख करोड़ की उच्च डिस्बर्सल रिकॉर्ड, और FY26 में ₹5–6 लाख करोड़ का लक्ष्य तय किया गया है—जानिए पूरा अपडेट।
नवीनतम अपडेट्स:
1. कुल ऋण मंजूरी व वितरण
मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर अप्रैल 2025 तक 52.37 करोड़ ऋण खाते मंजूर किए गए, जिनमें कुल ₹33.65 लाख करोड़ के ऋण शामिल हैं, और ₹32.87 लाख करोड़ वितरित हो चुके हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि लगभग 68% ऋण महिला उद्यमियों को और 50% एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग को दिए गए।
2. Q3 FY25 में सर्वाधिक Disbursement
तीसरी तिमाही (Q3) में ₹3.39 लाख करोड़ की रिकॉर्ड राशि का वितरण किया गया—जो अब तक की सबसे बड़ी तिमाही मात्रा है।
इसका विस्तार मुख्य रूप से ‘Tarun Plus’ कैटिगरी से जुड़ा हुआ है, जिसमें लोन सीमा अब ₹20 लाख तक बढ़ी है।
3. FY26 के लिए नए लक्ष्य
वित्त मंत्रालय की योजना अनुसार FY26 में मुद्रा लोन का लक्ष्य बढ़ाकर ₹5–6 लाख करोड़ रखा जा सकता है—FY25 में ₹5 लाख करोड़ था।
इसमें करीब 5 करोड़ नए ऋण खाता बनने की संभावना शामिल है।
4. अवलंबता बढ़ी, एनपीए घटा
गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) दर में सुधार हुआ है—FY25 में यह केवल 2.21% रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 2.10% था।
Tarun Plus स्कीम में पिछले 4 महीनों में 22,557 नए खाते बनाए गए, जिनमें ₹3,190 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है।
सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
कुल मनोनीत ऋण | ₹33.65 लाख करोड़ (52.37 करोड़ खाते) |
वित्तीय वर्ष Q3 वितरण | ₹3.39 लाख करोड़ (रिकॉर्ड तिमाही) |
महिला लाभार्थियों का हिस्सा | ~68% |
SC/ST/OBC लाभार्थी | ~50% |
अगला लक्ष्य (FY26) | ₹5–6 लाख करोड़ |
NPA दर (FY25) | 2.21% |
निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने पिछले एक दशक में भारत के छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महिला और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों में इसकी पहुँच आगे भी इसे आर्थिक समावेशन की दिशा में एक मजबूत संवाहक बनाती रहेगी।
FY26 के लक्ष्य और ‘Tarun Plus’ जैसी स्कीमें इस पहल को और प्रभावशाली रूप देंगी।
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