प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) को ₹13,554 करोड़ की स्वीकृति मिली है। ₹50 लाख तक के प्रोजेक्ट पर लोन सुविधा, सब्सिडी में वृद्धि, और रोजगार मेलों के जरिए युवा भर्ती — जानें नई घोषणाएँ।
योजना की ताज़ा जानकारी
- अवधि बढ़ी और बजट मिला विस्तार
PMEGP को वर्ष 2021–22 से 2025–26 तक पांच वर्षों के लिए विस्तारित किया गया है। इस अवधि में कुल ₹13,554.42 करोड़ की वित्तीय सहायता दी गई है। - उन्नत परियोजना लागत सीमा
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रोजेक्ट की अधिकतम लागत अब ₹50 लाख (पहले ₹25 लाख)
- सेवा क्षेत्र में ₹20 लाख (पहले ₹10 लाख) तक बढ़ा दी गई है।
- सब्सिडी संरचना में संशोधन
- सामान्य वर्ग: ग्रामीण क्षेत्रों में 25%, शहरी में 15%
- SC/ST/OBC/महिला/ग्रामीण सीमाओं में 35%, शहरी में 25%
- लक्ष्य क्षेत्रों (NER, पहाड़ी, ट्रांसजेंडर आदि) को समान उच्च सब्सिडी प्राप्त
- लागू पूर्व-रोक अव्यवस्था (Rejected Applications)
- 2021–22 में लगभग 40% आवेदनों को संदर्भित कारणों से नकारा गया, जिससे पारदर्शिता और प्रक्रियाओं में सुधार की मांग बढ़ी।
- स्थानीय स्तर पर सफलता की कहानी
- मध्य प्रदेश के शहडोल में कई लाभार्थियों ने आत्मनिर्भरता हासिल की — जैसे “मैडम श्री स्पाइस” नामक उद्योग स्थापित किया गया।
- रोजगार मेलों से जुड़ी भर्ती गतिविधियाँ
- 12 जुलाई 2025 को आयोजित 16वीं Rozgar Mela में देशभर के 47 स्थलों पर 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र युवा उम्मीदवारों को हस्तांतरित किए गए।
सारांश तालिका
घटक | विवरण |
---|---|
योजना अवधि | 2021–22 से 2025–26 |
बजट (₹ करोड़) | 13,554.42 |
अधिकतम परियोजना लागत | विनिर्माण: ₹50 लाख; सेवा: ₹20 लाख |
सब्सिडी प्रतिशत | ग्रामीण/शहरी के अनुसार 15–35% |
आवेदन अस्वीकृति दर | करीब 40% (2021–22 में) |
Rozgar Mela भर्ती | 51,000+ नियुक्तियाँ (July 2025 में) |
निष्कर्ष

PMEGP योजना ने स्वरोजगार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है—नवीकृत बजट और बढ़ी परियोजना सीमा युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करती है।
स्थानीय सफलताएँ और Rozgar Melas ने वास्तविक रोजगार उपलब्ध कराने में भूमिका निभाई है, जबकि अब भी सुधार की कुछ जगहें जैसे आवेदन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और आवेदन अस्वीकृति दर को कम करना कार्यशील चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
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