Perplexity AI के संस्थापक व CEO अरविंद श्रीनिवास ने हाल ही में AI टूल्स उपयोग, Comet ब्राउज़र और नौकरी बाजार पर एआई के प्रभाव पर बहुपक्षीय दिशानिर्देश दिए—जानिए क्यों रिक्रूटर्स और असिस्टेंट्स खतरे में हैं।”
🔍 लेटेस्ट अपडेट्स – जुलाई 2025
1. ⏳ सोशल मीडिया छोड़कर AI में निवेश करें
अरविंद श्रीनिवास ने Gen Z को सलाह दी है कि
“Instagram पर doomscrolling बंद करें; AI टूल्स सीखने में समय लगाएँ।”
उन्होंने चेताया कि AI की तेज़ी भविष्य में नौकरी की क्षमता तय करेगी
2. 🚀 AI Browser ‘Comet’ से नौकरी खतरे में
Comet को लेकर उन्होंने कहा है कि यह रिक्रूटर और एग्जिक्युटिव असिस्टेंट जैसे ऑफिस रोल को रिप्लेस कर सकता है
- एक ही प्रॉम्प्ट से हफ्तों का कार्य पूरा करने का दावा
- कैलेंडर मैनेजमेंट, ईमेल हैंडलिंग, उम्मीदवार फाइनल करना आदि भी संभव होगा
3. 📈 Comet के साथ OEM साझेदारी की तैयारी
Perplexity मोबाइल निर्माता कंपनियों (Apple, Samsung) के साथ Comet को प्री-इंस्टॉल करने पर चर्चा कर रहा है, ताकि बड़े यूज़र्स बेस तक पहुंच सके
4. 🏁 Greed as fuel: Fear drives innovation
YC AI Startup School में श्रीनिवास ने कहा—
“Competitors आपकी idea चुराएँ—इस भय को प्रेरणा मानिए।”
इस मानसिकता से नेरदित टीम तेजी से आगे बढ़ती है।
5. 🌐 Google को AI vs विज्ञापन का dilemma
उन्होंने Google पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपना ऐड मॉडल छोड़ कर AI ब्राउज़र की दिशा में “रचनात्मक साहस” दिखाना होगा
📌 संक्षिप्त सारांश

- Social vs Skill: AI सीखें, सोशल टाइम बाधा है।
- Comet का आगमन: AI एजेंटिक ब्राउज़र से कार्यखोरी का खतरा।
- OEMी साझेदारी: Comet को मोबाइल पर पूर्व-स्थापना की दिशा।
- Fear‑led Innovation: Market में बने रहने का मंत्र।
- AI vs Ads: Big Tech को AI-first होना होगा।
🧭 निष्कर्ष:
अरविंद श्रीनिवास ने स्पष्ट किया है—AI के साथ यूज़र्स को अपनाना है, न कि विरोध करना है। Comet और शिक्षा-उन्मुख सलाहें इस दर्शन को सामने लाती हैं।
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