जानें Devshayani Ekadashi 2025 की तिथि (6 जुलाई), शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, चातुर्मास आरंभ और सभी अपडेट्स। ज्ञात करें देव शयन एकादशी घटना का आध्यात्मिक महत्व।
Contents
📅 Devshayani Ekadashi 2025 की तारीख और समय
- तिथि: रविवार, 6 जुलाई 2025
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 5 जुलाई, शाम 6:58 बजे
- एकादशी समाप्त: 6 जुलाई, शाम 9:14 बजे
- पारण (व्रत खोलना): 7 जुलाई सुबह 5:29–8:17 बजे तक
🙏 ताज़ा अपडेट्स (Latest News)
- Devshayani Ekadashi 2025 को देशभर में मनाया जा रहा है और इस अवसर पर चातुर्मास की शुरुआत हो रही है—जब भगवान विष्णु ‘योग निद्रा’ में चले जाते हैं
- आर्थिक टाइम्स ने स्पष्ट किया कि उपवास 6 जुलाई को रखा जाएगा, जबकि परिणा सुबह 7 को होगा ।
- News9Live के अनुसार, इस दिन भक्त गण पूजा करके मन की शांति और पाप विमोचन की प्रतिज्ञा करते हैं
🔱 Devshayani Ekadashi का धार्मिक महत्व
- इसे Ashadhi Ekadashi, Padma Ekadashi और Hari Shayani Ekadashi के नाम से भी जाना जाता है
- इस दिन विष्णु भगवान क्षीरसागर में शयन करते हैं और चार महीनों का चातुर्मास आरंभ होता है, जिसमें मंगल कार्य वर्जित होते हैं
- लोक आस्था अनुसार, व्रत से मन की शुद्धि, कर्मों की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है ।
🕉️ पूजा विधि (Ritual Steps)
- सूखे और साफ़ स्थान पर भगवान विष्णु की मुर्ति या चित्र रखें
- पीले वस्त्र, फूल, तुलसी, धूप-दीप अर्पित करें
- विष्णु सहस्त्रनाम, भजन–कीर्तन या चातुर्मास कथा का पाठ करें
- संकल्प के साथ व्रत करें—फलाहार या जलाहार भी स्वीकार्य
- सुप्रभात पर निर्धारित पारण व्रत खोलें
📿 स्तोत्र और भक्ति मंत्र
NavbharatTimes ने बताया कि इन पाँच स्तोत्रों का पाठ करने से विष्णु प्रसन्न होते हैं: विष्णु सहस्रनाम, कवच, गोविंददामोत्तरी, नारायण कवच और गजानन स्तोत्र
🌠 चातुर्मास का आध्यात्मिक महत्व

- चातुर्मास की शुरुआत Devshayani Ekadashi से होती है और यह 01 नवंबर 2025 तक चलेगा
- इस अवधि में भक्त शास्त्र-अध्ययन, संयम, धर्म-कर्म और उपवास रखते हैं, जिससे आत्मिक उन्नति होती है ।
📌 NTA अंतिम विचार
Devshayani Ekadashi 2025 एक ऐसा धार्मिक पर्व है जो आत्मानुशासन, कर्मभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देता है।
- तिथि: 5 Jul शाम से 6 Jul शाम तक
- व्रत: दिनभर रखें
- पारण: 7 Jul सुबह पर विधि से करें
- पूजा: भजन, कथा, स्तोत्र, दान करें
इसे मनाने से जीवन में स्थायित्व, मानसिक शांति और मंगलमय फल की प्राप्ति होती है।
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