विश्वविख्यात दौड़ने वाले फौजा सिंह का जालंधर के पास बीआस गांव में सड़क हादसे में निधन हो गया। वह उम्र में 114 वर्ष के थे और 18 वर्ष की उम्र में दौड़ना शुरू किया था। जानिए उनकी पूरी जीवनगाथा और पुलिस जांच की स्थिति।
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🚨 1. दुर्भाग्यपूर्ण सड़क हादसा और निधन
- 14 जुलाई 2025 को दोपहर लगभग 3:15–3:30 बजे, जालंधर के बीआस गांव में सड़क पार करते समय फौजा सिंह को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहाँ वह अंततः दम तोड़ बैठे
- पुलिस ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है और सीसीटीवी फुटेज के जरिए दोषी वाहन चालक की तलाश शुरू कर दी गई है ।
🏃♂️ 2. जीवन परिचय: ‘Turbaned Tornado’
- जन्म: 1 अप्रैल 1911, बीआस पिंड, जालंधर, पंजाब
- उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे की मृत्यु के बाद, 89 वर्ष की आयु में 2000 में दौड़ना शुरू किया—आखिरी चरण में उन्होंने 2013 में हांगकांग मैराथन में भाग लिया
🌍 3. उल्लेखनीय उपलब्धियाँ और पहचान
- 100 वर्ष की उम्र में टोरंटो मैराथन पूरा करने वाले पहले व्यक्ति; मगर जन्म प्रमाणपत्र न होने की वजह से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं ।
- ब्रिटिश एम्पायर मैडल (2015) प्राप्त किया और 2012 लंदन ओलंपिक का मशालवाहक भी रहे ।
- उन्होंने नौ फुल मैराथनें पूरी कीं, जिनमें टोरंटो, लंदन, न्यूयॉर्क शामिल हैं ।
🙏 4. प्रतिक्रियाएं और श्रद्धांजलियाँ
- खुशवंत सिंह (बायोग्राफर) ने कहा: “My Turbaned Tornado is no more…”
- पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने ट्वीट किया: “Deeply saddened…His legacy will continue to inspire a drug-free Punjab. Om Shanti Om.”
- अन्य राजनेताओं और खेल समुदाय ने उनकी मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया।
🌿 5. विरासत और प्रेरणा
- फौजा सिंह का जीवन शक्ति, दृढ़ता और उम्रबढ़ने के बाद भी फ़िट रहने का उदाहरण है — उन्होंने साबित किया कि सही दृष्टिकोण और जीवनशैली से उम्र कोई बाधा नहीं
- उनका सफर युगों तक लोगों को प्रेरित करता रहेगा — भले ही वह गिनीज रिकॉर्ड में न दर्ज हों, उनकी उपलब्धियां दूरगामी हैं।
✅ निष्कर्ष
फौजा सिंह का निधन एक प्रेरणास्पद जीवन की समाप्ति है। वह 114 साल की उम्र में भी अपने गांव में रोजमर्रा का स्वास्थ्य का प्रतीक बने रहे। उनके निधन से एक एपिक प्रेरणा चली गई, लेकिन उनका संदेश सदैव बना रहेगा।
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