केंद्र सरकार ने लगभग 1 लाख जनजातीय गाँवों को अपनी 5-वर्षीय विकास योजना बनाने का अधिकार दिया है। यह पहल ग्रामीण आत्मनिर्भरता और नागरिक भागीदारी की दिशा में बड़ा कदम है।
🌍 योजना का उद्देश्य

भारत सरकार ने अक्टूबर 2025 तक लगभग 1 लाख जनजातीय-बहुल गाँवों (Tribal Villages) को सशक्त करने की घोषणा की है।
इस योजना के तहत हर गाँव अपनी खुद की 5-वर्षीय विकास योजना (Five-Year Development Plan) तैयार करेगा।
👉 इसका मकसद है —
- स्थानीय जरूरतों को समझकर विकास की प्राथमिकताएँ तय करना
- गाँवों को आत्मनिर्भर बनाना
- केंद्र और राज्य की योजनाओं का बेहतर तालमेल बनाना
🧩 योजना की प्रमुख विशेषताएँ

✅ ग्राम पंचायत-आधारित विकास मॉडल: हर गाँव अपनी जरूरतों के हिसाब से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कृषि योजनाएँ तय करेगा।
✅ नागरिक भागीदारी: गाँव के नागरिक, पंचायत प्रतिनिधि और स्थानीय युवा योजना प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाएँगे।
✅ स्थानीय संसाधनों का उपयोग: पारंपरिक ज्ञान और प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
✅ डिजिटल मॉनिटरिंग: योजना की प्रगति को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल होगा।
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🌱 ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में बदलाव

यह पहल “People’s Planning Approach” पर आधारित है,
जहाँ विकास योजनाएँ ऊपर से नीचे (Top-Down) की बजाय नीचे से ऊपर (Bottom-Up) दिशा में बनाई जाती हैं।
इससे —
- गाँवों की वास्तविक जरूरतें पहचानी जाएँगी
- सरकारी योजनाओं का स्थानीय स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन होगा
- जनजातीय समुदायों को नीति-निर्माण में शामिल किया जा सकेगा
🏫 शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका पर फोकस

योजना में तीन मुख्य सेक्टरों को प्राथमिकता दी गई है:
- शिक्षा: जनजातीय बच्चों की स्कूल उपस्थिति और डिजिटल लर्निंग बढ़ाने पर फोकस।
- स्वास्थ्य: ग्रामीण हेल्थ सेंटर और आयुष मॉडल से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा मज़बूत की जाएगी।
- रोजगार: स्थानीय हस्तशिल्प, कृषि-आधारित उद्योग और इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
🔍 नागरिकों की भूमिका

- गाँव की बैठक में हर नागरिक अपनी राय दे सकेगा।
- युवाओं को योजना निर्माण और डेटा संग्रह की जिम्मेदारी मिलेगी।
- महिलाएँ स्व-सहायता समूहों के ज़रिए विकास योजनाओं में भाग लेंगी।
यह मॉडल “जन भागीदारी से जन विकास” की दिशा में एक प्रेरक कदम है।
📊 अपेक्षित परिणाम (By 2025–2030)

- 1 लाख से अधिक गाँवों में स्थानीय विकास ब्लूप्रिंट तैयार होगा
- जनजातीय समुदायों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी
- केंद्र और राज्य योजनाओं के बीच ग्राउंड लेवल लिंक मज़बूत होगा
- शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में 20–25% सुधार की संभावना
🔚 निष्कर्ष

“100000 जनजातीय गाँवों की 5-वर्षीय योजना” सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनता द्वारा जनहित में बनाई गई नीति है।
यह कदम भारत के ग्रामीण और जनजातीय समाज को वास्तविक विकास का स्वामी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल साबित होगी।
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