1 अगस्त 2025 से लागू NPCI के नए UPI नियम: बैलेंस चेक की लिमिट (50/day), बैंक अकाउंट एक्सेस लिमिट (25/day), ऑटोपे टाइम स्लॉट, ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक में नियम, तथा लाभार्थी का बैंक नाम अब दिखेगा। जानें पूरा अपडेट।
Contents
🧾 1. बैलेंस चेक की लिमिट: अब ज्यादा बार नहीं देख सकेंगे🧾 2. बैंक अकाउंट लिस्टिंग जांच की किरात: प्रति ऐप 25 बार⏳ 3. ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक – सिर्फ 3 बार और 90 सेकंड का गैप🕰️ 4. Auto‑Pay Mandates के लिए समयसीमा तय🔍 5. लाभार्थी का नाम और ट्रांजेक्शन ID अब दिखेगा✅ 6. अनुपालन न होने पर NPCI की सख्त कार्रवाई📊 Quick Summary Table🧠 क्यों ज़रूरी है यह बदलाव?
🧾 1. बैलेंस चेक की लिमिट: अब ज्यादा बार नहीं देख सकेंगे
- प्रति UPI ऐप अब दिन में सिर्फ 50 बार ही अपना बैंक बैलेंस चेक किया जा सकता है। इसका उद्देश्य peak hours में UPI सर्वर पर लोड कम करना है।
- हर successful UPI ट्रांजेक्शन के बाद बैंक बैलेंस अब रिपोर्ट स्क्रीन पर ऑटोमेटिक दिखेगा, जिससे बार-बार चेक की ज़रूरत कम हो जाएगी।
🧾 2. बैंक अकाउंट लिस्टिंग जांच की किरात: प्रति ऐप 25 बार
- एक दिन में 25 बार तक ही मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक अकाउंट्स की जानकारी चेक की जा सकती है।
- यह API misuse रोकने और सुरक्षा में सुधार का हिस्सा है।
⏳ 3. ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक – सिर्फ 3 बार और 90 सेकंड का गैप
- यदि कोई ट्रांजेक्शन pending है, तो उपयोगकर्ता केवल 3 बार तक ही उसकी स्थिति देख सकते हैं—और हर बार 90 सेकंड का अंतर अनिवार्य है।
- यह सिस्टम stability और API overuse से बचने के उद्देश्य से आयोजित है।
🕰️ 4. Auto‑Pay Mandates के लिए समयसीमा तय
- EMIs, OTT सदस्यता, SIP जैसे ऑटोडेबिट्स अब केवल non‑peak hours में ही प्रोसेस होंगे:
- सुबह 10:00 बजे से पहले,
- दोपहर 1:00 से 5:00 बजे तक,
- या रात 9:30 बजे के बाद
- इससे peak टाइम में गल्त ट्रेडिंग की संभावनाएं कम होंगी और नेटवर्क लोड भी घटेगा।
🔍 5. लाभार्थी का नाम और ट्रांजेक्शन ID अब दिखेगा
- ट्रांसफर की पुष्टि से पहले आपको beneficiary का register किया गया बैंक नाम और transaction ID दिखाई जाएगा, जिससे fraud व गलती से बचाव होगा।
✅ 6. अनुपालन न होने पर NPCI की सख्त कार्रवाई
- यदि यह दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया (जैसे API misuse या over-checking), तो NPCI API access restrictions, नए यूज़र onboarding रोकना, या penalties लागू कर सकता है।
📊 Quick Summary Table
पहलू | नया नियम (1 अगस्त से) |
---|---|
Balance Enquiries | 50 बार/दिन प्रति UPI ऐप |
तलाशें Account List | 25 बार/दिन API कॉल तक सीमित |
Transaction Status Check | सिर्फ 3 बार/ ट्रेना, 90 सेकेंड का अंतर आवश्यक |
Auto-Pay Timing | Morning ≤10 AM, 1–5 PM, post 9:30 PM |
Beneficiary Name दिखना | Payment से पहले recipient बैंक नाम और ID दिखेगी |
NPCI की कार्रवाई | API restrictions, no-onboarding, penalty संबंधी नियम |
🧠 क्यों ज़रूरी है यह बदलाव?
- UPI ट्रैफ़िक लगातार बढ़ रहा है—NPCI के मुताबिक यह 12+ बिलियन ट्रांजेक्शन्स प्रति माह हो गया है। बिना निगरानी के सर्वर पर लोड बढ़ जाता है।
- API misuse और fraud को रोकने में ये दिशानिर्देश सहायक हैं।
- Balance show-after-payment, beneficiary name visibility, और status-limits जैसी सुविधाएँ user experience बेहतर बनाती हैं।
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