8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच चर्चाएं तेज हो गई हैं। जहां एक ओर महंगाई लगातार बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर वेतन में कोई संरचनात्मक वृद्धि न होने से सरकारी कर्मचारी संगठनों में असंतोष फैल रहा है। यूनियनों ने सरकार से ठोस निर्णय की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
✊ कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

(8th pay commission employees demand)
1. 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणा जल्द की जाए
कर्मचारियों का कहना है कि 7वें वेतन आयोग को लागू हुए 9 साल हो चुके हैं। ऐसे में 2026 से लागू होने वाले 8वें वेतन आयोग की घोषणा अब तक न होना चिंताजनक है।
2. फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि
वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, जिसे यूनियन 3.68 या अधिक करने की मांग कर रही है। इससे न्यूनतम वेतन में सीधा इज़ाफा होगा।
3. DA को मूल वेतन में मर्ज किया जाए
कर्मचारियों की मांग है कि DA (महंगाई भत्ता) को बेसिक पे में मर्ज किया जाए, जिससे वास्तविक वेतन वृद्धि हो सके।
4. सभी ग्रुप C कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन ₹26,000 किया जाए
कई कर्मचारी संगठनों ने न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़ाकर ₹26,000 करने की मांग उठाई है।
🏛 यूनियन मीटिंग्स और ज्ञापन
(government union 2025 updates)
🔹 जनवरी 2025:
AIDEF (All India Defence Employees Federation) और NFIR (National Federation of Indian Railwaymen) ने संयुक्त रूप से वित्त मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा।
🔹 मार्च 2025:
Confederation of Central Government Employees and Workers ने देशभर में राज्य स्तर पर प्रदर्शन आयोजित किए और 8वें वेतन आयोग की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया।
🔹 मई 2025:
सरकारी कर्मचारी संगठनों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को ऑनलाइन पिटीशन और डाक-ज्ञापन के माध्यम से ज्ञापन भेजा।
🚨 आंदोलन की चेतावनी
यदि सरकार जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तो यूनियन नेताओं ने जुलाई 2025 में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है। इसमें रेलवे, डाक विभाग, रक्षा उत्पादन इकाइयां और शिक्षा संस्थान शामिल हो सकते हैं।
🤔 सरकार की प्रतिक्रिया
फिलहाल सरकार की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय ने इस विषय पर आंतरिक चर्चा शुरू कर दी है। बजट 2026 में इसकी झलक देखने को मिल सकती है।
📌 निष्कर्ष
सरकारी कर्मचारियों की मांगें तर्कसंगत और समयानुकूल हैं। महंगाई और जीवन-यापन खर्चों को देखते हुए वेतन पुनर्गठन अब जरूरी हो गया है।
सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द 8वें वेतन आयोग को लेकर सकारात्मक निर्णय ले, ताकि कर्मचारी वर्ग में भरोसा बना रहे।
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