भारत-अमेरिका से लेकर चीन तक शेयर बाजार हुआ धड़ाम : ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस बार आरबीआई की तरफ से 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो बाजार के लिए ये एक सकारात्मक संकेत होगा.
भारत-अमेरिका से लेकर चीन तक शेयर बाजार हुआ धड़ाम
भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का दिन फिर एक बार बेहद निराशाजनक रहा. पांच मिनट के अंदर ही करीब 19 लाख करोड़ रुपये का निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. निफ्टी लगभग 1000 अंक नीचे फिसल गया. निफ्टी में ये करीब पिछले 10 महीने में सबसे बड़ी गिरावट थी. रिलायंस से लेकर टीसीएस तक के शेयर लुढ़कते हुए नजर आए. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि टैरिफ के ऐलान के बाद क्यों अमेरिका से लेकर चीन, दक्षिण कोरिया से लेकर भारत तक शेयर बाजार में इस कदर कोहराम मचा हुआ है? आइये पांच प्वाइंट्स में विस्तार से जानते हैं.
1-आर्थिक संकट का खौफ
ट्रंप प्रशासन की तरफ से जब से टैरिफ की घोषणा की गई है और दुनियाभर के करीब 180 से ज्यादा देशों को इसके दायरे में लाया गया है, उसके बाद से महंगाई बढ़ने, कंपनियों के मुनाफे घटने और उपभोक्ता के कमजोर सेंटिमेंट की आशंका है. अगर जानकारों की मानें तो न सिर्फ वैश्विक आर्थिक रफ्तार पर इसका व्यापक असर पड़ सकता है बल्कि अगर ये नीति इसी तरह से लंबे समय तक रही तो वैश्विक मंदी का आना तय है. अगर वैश्विक मंदी आती है तो भारत भी उस असर से अछूता नहीं रहेगा, भले की उसका प्रभाव कम क्यों न हो.
2-बिकवाली का तूफान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ के एलान के बाद से लगातार शेयर बाजारों में गिरावट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कभी-कभी किसी चीज को ठीक करने के लिए कड़वी दवा देनी पड़ती है. राष्ट्परति ट्रंप ने ये भी साफ कर दिया कि इसमें कोई चिंता की बात नहीं है. जबकि, दूसरी तरफ एशियाई शेयर बाजारों पर सोमवार को भारी गिरावट का दौर देखने को मिला है, जहां जापान के निक्केई में मार्केट ओपन होते ही 225 प्वाइंट्स की गिरावट हुई.
जबकि, ऑस्ट्रेलिया के एस एंड पी 200 में 6.5 प्रतिशत की गिरावट के सात 7184.70, दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 5.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2328.52 पर रहा. इससे पहले, अमेरिकी नैस्डैक में शुक्रवार को करीब 7 फीसदी की गिरावट पर बाजार बंद हुआ था. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये गिरावट तो कुछ भी नहीं है, अगर स्थिति नहीं संभली तो अमेरिकी मार्केट का हाल ऐसा हो सकता है, जैसा 1987 में हुआ था.
3- RBI एमपीसी बैठक के नतीजे
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की 7 से 9 अप्रैल को मीटिंग हो रही है, 9 तारीख को नतीजे आएंगे. हालांकि, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस बार आरबीआई की तरफ से 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा. इसके साथ ही, खुदरा महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े 11 अप्रैल को जारी किए जाएंगे. इससे भी काफी हद तक भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को समझने में मदद मिलेगी.
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