बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीतिक दल महिलाओं के वोट को आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी और आरक्षण की घोषणाएं कर रहे हैं। जानें किस पार्टी ने क्या वादा किया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही राजनीतिक दल महिलाओं के वोट को आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी और आरक्षण की घोषणाएं कर रहे हैं। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और मतदान प्रतिशत ने उन्हें चुनावी राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान की है।
मुख्य योजनाएं और घोषणाएं:
- महिला आरक्षण:
- बिहार सरकार ने राज्य सरकार की सभी श्रेणियों, स्तरों और प्रकारों के पदों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण की घोषणा की है। यह आरक्षण केवल बिहार की स्थायी निवासियों के लिए लागू होगा।
- ‘माई-बहन’ योजना:
- महागठबंधन ने महिलाओं को ₹2,500 मासिक भत्ता देने की घोषणा की है। इसके अलावा, विधवाओं के लिए ₹1,500 पेंशन, ₹500 में गैस सिलेंडर, 200 यूनिट मुफ्त बिजली और लड़कियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग संस्थानों की स्थापना की योजना है।
- ‘लाखपति दीदी’ योजना:
- केंद्र सरकार की इस योजना के तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ₹1 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
- महिला सुरक्षा और रोजगार:
- महिला और बाल विकास मंत्री अदीति तटकरे ने महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 10,000 पिंक ऑटो-रिक्शा वितरित करने की घोषणा की है। इसके अलावा, ‘लड़की बहन योजना’ के तहत महिलाओं को ₹2,100 मासिक भत्ता देने की योजना है।
महिलाओं की बढ़ती भूमिका:
2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 59.45% था, जो पुरुषों के 53% से अधिक था। यह दर्शाता है कि महिलाएं अब चुनावी राजनीति में एक निर्णायक शक्ति बन चुकी हैं।
निष्कर्ष:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीतिक दल महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि महिलाएं अब चुनावी राजनीति में एक निर्णायक शक्ति बन चुकी हैं और उनकी भागीदारी से राज्य की राजनीतिक दिशा प्रभावित हो सकती है।
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