तमिलनाडु सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु ₹90 करोड़ की छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है। इस पहल से छात्रों को वैश्विक शिक्षा में अवसर मिलेंगे।
तमिलनाडु सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों के लिए विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु ₹90 करोड़ की छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है। यह योजना राज्य के आदिवासी और जनजातीय कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाएगी।
योजना की विशेषताएँ:
- वित्तीय आवंटन: इस वर्ष के लिए ₹90 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
- संवेदनाएँ: इस वर्ष अब तक 190 छात्रवृत्तियाँ स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 52 मार्च सत्र के लिए और शेष सितंबर सत्र के लिए स्वीकृत की जाएँगी।
- आवेदन प्रक्रिया: इस वर्ष 500 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 161 छात्रों को ₹65 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
केंद्र सरकार की योजना से तुलना:
केंद्र सरकार की राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति (NOS) योजना में इस वर्ष वित्तीय संकट के कारण लगभग आधे छात्रों को पुरस्कार नहीं दिए गए हैं। इसके विपरीत, तमिलनाडु की राज्य-प्रायोजित योजना में कोई वित्तीय बाधाएँ नहीं हैं, जिससे छात्रों को निरंतर समर्थन मिलता है।
वैश्विक विश्वविद्यालयों में प्रवेश:
2021-22 से अब तक, इस योजना के तहत चयनित छात्रों ने दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया है, जिनमें से 5 छात्रों ने QS विश्व रैंकिंग में शीर्ष 25, 43 ने शीर्ष 100, 136 ने शीर्ष 500 और 107 ने शीर्ष 1000 विश्वविद्यालयों में स्थान पाया है।
TAHDCO की भूमिका:
तमिलनाडु आदिवासी और जनजातीय कल्याण विकास निगम (TAHDCO) छात्रों को विदेशों में प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग प्रदान करता है, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है।
निष्कर्ष:

तमिलनाडु सरकार की यह पहल अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोलती है। राज्य सरकार की निरंतर समर्थन और वित्तीय सहायता से ये छात्र वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
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