जाने OTT पर अश्लीलता रोकने को लेकर कौन से हैं नियम?: OTT Platforms पर अगर अश्लील और अनुचित सामग्री प्रसारित या प्रकाशित की जा रही है, तो उसे रोकने के लिए क्या-क्या नियम हैं और इन्हें न मानने पर क्या सजा हो सकती है? सब कुछ जानें यहां
OTT Paltforms पर अश्लील जोक्स और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर केंद्र ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को एडवाइजरी जारी की है. हाल में ही समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट पर रणवीर इलाहाबादिया के आपत्तिजनक टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर विवाद उठा. ये विवाद सिर्फ सोशल मीडिया तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से लेकर कई दूसरी पार्टी के नेताओं ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की.
जाने OTT पर अश्लीलता रोकने को लेकर कौन से हैं नियम?

विवाद इतना बढ़ गया कि विवादित शो से जुड़े कई लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई. सुप्रीम कोर्ट ने हाल में रणवीर इलाहाबादिया को उनके विवादित सवाल को लेकर फटकार भी लगाई है. ऐसे में केंद्र ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को एडवाइजरी जारी कही है. इसमें कहा गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ऐसा कंटेंट को प्रकाशित करने से बचना है जो कानून के मुताबिक नहीं हैं.
क्या कहा गया है एडवाइजरी में
पीटीआई के मुताबिक, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्लेटफॉर्म्स को आईटी नियम-2021 के तहत आचार संहिता का सख्ती से पालन करना है. इसमें उम्र से जुड़ा जो कैटेगराइजेशन है उनका भी कड़ाई से पालन करने की बात है. ऐसे में सवाल उठता है कि आईटी नियम 2021 क्या है और इसका पालन न करने पर क्या कार्रवाई हो सकती है.
भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्मस पर अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने सख्त नियम और कानून लागू किए हैं. इनका उद्देश्य डिजिटल मीडिया पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को रेग्युलेट करना है. साथ ही दर्शकों, खासकर बच्चों और महिलाओं को अनुचित कंटेंट से बचाना है.
क्या हैं OTT प्लेटफॉर्म्स के मौजूदा नियम

फरवरी 2021 में, सरकार ने इनफॉर्मेंशन टेक्नॉलजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स और डिजिटल मीडिया एथिकल कोड) नियम, 2021 जारी किए. इन नियमों के तहत, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को स्व-नियमन (Self Regulation), उम्र पर आधारित कंटेंट का कैटेगराइजेशन (यानी किस उम्र के लोगों के लिए कौन सी सामग्री सही है), और तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करनी होती है. इसका उद्देश्य ये पक्का करना है कि प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कंटेंट भारतीय सांस्कृतिक और कानूनी मानकों के अनुरूप हो.
उल्लंघन पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
इंडियाज गॉट लेटेंट से जुड़े विवाद के बाद मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसे किसी भी कंटेंट का प्रसारण दंडनीय अपराध है जो कानून के मुताबिक नहीं है. प्लेटफॉर्म्स को उम्र के आधार पर किए जाने वाले वर्गीकरण का पालन करना जरूरी है.
- अगर कोई ओटीटी प्लेटफॉर्म इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो सरकार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67, 67A, और 67B के तहत कार्रवाई कर सकती है.
- इन धाराओं के तहत, अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रसारण या प्रकाशन दंडनीय अपराध है.
- इसमें पहली बार उल्लंघन पर तीन साल तक की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. दूसरी बार उल्लंघन पर सजा पांच साल तक बढ़ सकती है और जुर्माना दस लाख रुपये तक हो सकता है.
सरकार दिखा चुकी है सख्ती
मार्च 2024 में, सरकार ने अश्लील सामग्री प्रसारित करने वाले 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, 19 वेबसाइट्स, 10 ऐप्स, और 57 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया था. इन प्लेटफॉर्म्स पर आरोप था कि ये महिलाओं को अपमानजनक तरीके से दिखाने और अनुचित कंटेंट प्रसारित करते हैं.
Also Read;