Appellate tribunal ने Chanda Kochhar को Rs 64 करोड़ रिश्वत का दोषी ठहराया; ₹78 करोड़ की संपत्ति ED ने जब्त करी। जानें केस की गहराई।
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⚖️ न्यू क्लीन-चिट नहीं, दोषी ठहराया गया
- एक Appellate Tribunal ने 3 जुलाई 2025 के आदेश में निष्कर्ष निकाला कि Chanda Kochhar ने ₹64 करोड़ रिश्वत स्वीकार की थी—इसके बदले उन्होंने ICICI Bank से Videocon समूह के लिए ₹300 करोड़ लोन को मंज़ूरी दी
- इस फैसले ने 2020 की क्लीन‑चिट को पलटते हुए कहा कि मामलों की जाँच हुई और सारे सबूत “quid‑pro‑quo” साबित करते हैं
- विधान मुताबिक, राशि Deepak Kochhar के नियंत्रण वाली कंपनी NuPower Renewables में ट्रांसफर की गई थी—यह स्पष्ट गैर-घोषित हित है
💰 ED के संपत्ति जब्त आदेश की पुष्टि
- Tribunal ने ED द्वारा लगाई गई ₹78 करोड़ की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई को वैध ठहराया—बताते हुए कि “prima facie money laundering” स्पष्ट है
- 2020 की राहत को Tribunal ने “गलत” बताया, क्योंकि उस समय “material facts” की उपेक्षा की गई थी
📉 करियर से गिरावट: ग्लास-सील से कानून तक
- बैंकिंग के शीर्ष पर पहुंचने वाली Kochhar की carrière—जहां उन्होंने ICICI Bank की विस्तारक यात्रा झेली और महिला नेतृत्व में अग्रणी रहीं—अब भ्रष्टाचार की विवादों में उलझ गई है
- Economic Times ने लिखा: “She shattered gender barriers … only to fall from grace amidst corruption allegations”
🧾 संक्षिप्त सारांश
बिंदु | विवरण |
---|---|
रिश्वत राशि | ₹64 करोड़ |
लोन राशि | ₹300 करोड़ (Videocon को दी गई) |
संपत्ति जब्ती | ₹78 करोड़ (ED ने की) |
Tribunal निर्णय | दोषी, ED कार्रवाई वैध |
न्यायिक स्थिति | Trial Court में सुनवाई अभी बाकी |
🎯 निष्कर्ष

Chanda Kochhar का यह मामला न सिर्फ ICICI-Videocon कांड में बड़ा घोटाला सिद्ध करता है, बल्कि भारतीय कॉरपोरेट गवर्नेंस और बैंकिंग फ्रॉड के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई भी दर्शाता है।
गंभीर आरोप, अदालत की सख्ती और ED की जब्ती के साथ यह केस महिला नेतृत्व और फायदे के हित टकराव पर सवाल खड़े करता है।
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